कोरोना से 'याराना', देश से 'द्रोह', Lockdown के कितने 'खलनायक'?

भारत के लोगों ने ये देख लिया है कि देश के अंदर ही कुछ लोग ऐसे हैं, जो ये चाहते हैं कि इस देश में कोरोना वायरस फैल जाए. ऐसे लोग अंदर ही अंदर चाहते हैं कि कोरोना वायरस से युद्ध में भारत हार जाए. ये सीधे सीधे देशद्रोह और गद्दारी है.
भारत इस समय एक युद्ध लड़ रहा है. इस युद्ध में कुछ दिन ऐसे आते हैं जो भारत के लिए अच्छे होते हैं लेकिन फिर अचानक से कुछ बुरे दिन आ जाते हैं. ये ठीक किसी क्रिकेट मैच जैसा है. भारत में ये युद्ध दो तरह की सेनाएं लड़ रही है. एक सेना देश को ये युद्ध जिताना चाहती है तो दूसरी सेना देश को हराने में लगी है. कल मुंबई के बांद्रा में जो लोग हज़ारों की संख्या में इकट्ठे हुए थे वो भी भारत को इस युद्ध में हराना चाहते हैं और आज उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से जो तस्वीरें आई हैं वो भी आपका मनोबल तोड़ देंगी.

भारत के लोगों ने ये देख लिया है कि देश के अंदर ही कुछ लोग ऐसे हैं, जो ये चाहते हैं कि इस देश में कोरोना वायरस फैल जाए. ऐसे लोग अंदर ही अंदर चाहते हैं कि कोरोना वायरस से युद्ध में भारत हार जाए. ये सीधे सीधे देशद्रोह और गद्दारी है. इसलिए आप आज सबसे पहले उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से आई कुछ तस्वीरें देखिए और सोचिए कि ये कैसे लोग हैं, इनकी सोच कैसी है, जो डॉक्टर्स पर पत्थर फेंक रहे हैं. ये मुरादाबाद के हाजी नेक मस्जिद इलाके की तस्वीरें हैं. जहां एक कोरोना संदिग्ध व्यक्ति को ले जाने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंची थी. लेकिन स्वास्थ्य विभाग की टीम पर ही हमला कर दिया गया.

इन लोगों ने डॉक्टर्स को पीटा, एंबुलेंस के कर्मचारियों को पीटा. इस हमले में मेडिकल टीम के कई सदस्य बुरी तरह से घायल हुए. अब हम आपको इसी घटना की दूसरी तस्वीर दिखाते हैं. आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि इस इलाके की महिलाएं भी अपने घरों की छत से पत्थर फेंक रही थीं. इन लोगों ने इमरजेंसी नंबर 108 की मेडिकल एंबुलेंस पर पथराव किया.

जिन डॉक्टर्स को पीटा गया, उनकी तस्वीरें देखकर किसी को भी गुस्सा आएगा. जो डॉक्टर भगवान का रूप होते हैं, जो कोरोना से लड़ाई में हम सभी का जीवन बचाने में जुटे हैं. उन्हीं के साथ इस तरह का व्यवहार किया जा रहा है. मेडिकल एंबुलेंस के कर्मचारियों ने बताया कि कैसे इन लोगों ने डॉक्टर्स को घेर लिया था.

Corona Fighters की जान पर खतरा
मुरादाबाद के जिस इलाके में मेडिकल टीम पर पथराव हुआ, उस इलाके के एक व्यक्ति की दो दिन पहले अस्पताल में मौत हो गई थी. ये व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव था. जब स्वास्थ्य विभाग ने इस व्यक्ति के परिवार और आसपास के 53 लोगों के सैंपल लिए, तो उनमें से 17 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए. इसके बाद इस इलाके को हॉट स्पॉट घोषित कर दिया गया था. स्वास्थ्य विभाग की टीम यहां घर घर जाकर लोगों की जांच कर रही थी. स्वास्थ्य विभाग ने पूरी ताकत दी थी कि एक एक कोरोना संदिग्ध की पहचान करके उन्हें अलग किया जाए, जिससे दूसरों पर संक्रमण का कोई खतरा ना आए. लेकिन खुद इन Corona Fighters की जान पर खतरा है. मुरादाबाद में जिस डॉक्टर को पीटा गया, उन्होंने पूरी कहानी बताई है


पुलिस की टीम जब इस इलाके में पहुंची, तो उन पर भी पथराव किया गया. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन लोगों के खिलाफ NSA के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया है. इसके अलावा इन लोगों पर Epidemic Diseases Act और disaster management act की धाराओं के तहत कार्रवाई होगी.

कोरोना के इलाज में सबसे ज़्यादा खतरा डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ को ही होता है. भारत में कई डॉक्टर, नर्स और दूसरे स्वास्थ्य कर्मचारी कोरोना का इलाज करते करते खुद संक्रमण का शिकार हुए हैं. लेकिन एक खास सोच वाले लोगों ने इन्हीं लोगों पर हमले किए हैं, इन पर थूका गया है, इन पर पत्थर फेंके गए हैं. आपको याद होगा कि किस तरह से तबलीगी जमात के लोगों ने डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ के साथ बदसलूकी की थी. आपको इंदौर की घटना भी याद होगी, जहां मेडिकल टीम पर पत्थर फेंके गए थे.
 

हम छत्तीसगढ़ के रायपुर की एक तस्वीर दिखाना चाहते हैं. रायपुर में AIIMS का नर्सिंग स्टाफ 3 महीने की एक बच्ची की देखभाल कर रहा है. इस बच्ची की मां कोरोना पॉजिटिव पाई गई. जिसकी वजह से ये बच्ची अपनी मां के पास नहीं रह सकती है. अब बच्ची का पूरा ख्याल रायपुर AIIMS का मेडिकल स्टाफ, वहां की नर्स रख रही हैं. अब आप इस सोच और मुरादाबाद वाली सोच की तुलना कीजिए और सोचिए कि जो लोग जीवन बचा रहे हैं, उन पर पत्थर फेंके जा रहे हैं.

अहमदाबाद कोरोना वायरस का हॉट स्पॉट

अब हम आपको अहमदाबाद की तस्वीरें दिखाते हैं. अहमदाबाद कोरोना वायरस का हॉट स्पॉट है. पूरे गुजरात में कोरोना के 50 प्रतिशत से ज़्यादा मामले सिर्फ अहमदाबाद से हैं. अहमदाबाद में आज से 21 अप्रैल तक कर्फ्यू लगाया गया है. कर्फ्यू के बीच महिलाओं के लिए दोपहर एक बजे लेकर 4 बजे तक तीन घंटे की छूट दी गई है. लेकिन आप तस्वीरों में देख सकते हैं कि कर्फ्यू में छूट के बाद किस तरह से महिलाएं बाज़ारों और सड़कों पर दिख रही हैं. किसी को संक्रमण फैलने का डर नहीं है. किसी को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की परवाह नहीं है.

ये अहमदाबाद के जमालपुर इलाके की तस्वीरें हैं. इसी इलाके से स्थानीय विधायक इमरान खेड़ावाला कल ही कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे. इमरान खेड़ावाला कल मुख्यमंत्री विजय रुपाणी से भी कल मिले थे, जिसकी वजह से मुख्यमंत्री ने खुद को होम क्वारंटीन किया है.

Comments