महाराष्ट्र, 29 अप्रैल: मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को एमएलसी नामित करने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने कैबिनेट से दो बार प्रस्ताव पास कर भेजा है, लेकिन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया है। इससे संवैधानिक संकट गहराता जा रहा है, और उद्धव ठाकरे की कुर्सी भी खतरे में पड़ गयी है।
इस तनातनी के बीच उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन कर कहा कि इस महत्वपूर्ण समय में राज्य में राजनीतिक अस्थिरता सही नहीं है। इससे राज्य में गलत संदेश जाएगा, जिससे बचना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने उद्धव को आश्वासन दिया है कि वो जल्द से जल्द इस मामले को देखेंगे। अगर उद्धव ठाकरे जल्द से जल्द एमएलसी पद पर नॉमिनेट नहीं हुए तो मुश्किल बढ़ सकती है।
बता दें कि उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। संविधान की धारा 164 (4) के अनुसार उद्धव ठाकरे को 6 माह में राज्य के किसी सदन का सदस्य होना अनिवार्य है। ऐसे में उद्धव ठाकरे को अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी को बचाए रखने के लिए 28 मई से पहले विधानमंडल का सदस्य बनना जरूरी है।
इस तनातनी के बीच उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को फोन कर कहा कि इस महत्वपूर्ण समय में राज्य में राजनीतिक अस्थिरता सही नहीं है। इससे राज्य में गलत संदेश जाएगा, जिससे बचना चाहिए।
प्रधानमंत्री ने उद्धव को आश्वासन दिया है कि वो जल्द से जल्द इस मामले को देखेंगे। अगर उद्धव ठाकरे जल्द से जल्द एमएलसी पद पर नॉमिनेट नहीं हुए तो मुश्किल बढ़ सकती है।
बता दें कि उद्धव ठाकरे ने 28 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। संविधान की धारा 164 (4) के अनुसार उद्धव ठाकरे को 6 माह में राज्य के किसी सदन का सदस्य होना अनिवार्य है। ऐसे में उद्धव ठाकरे को अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी को बचाए रखने के लिए 28 मई से पहले विधानमंडल का सदस्य बनना जरूरी है।
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