कोरोना जिहादी को पकड़ो और बिना इलाज किए कूटो!
भारत में तबलिगियों से जुड़े मामले रोज बढ़ते जा रहे हैं। कई राज्यों में तो ये मरकज़ से लौटने के बाद छुपकर बैठ गए है और हजारों लोगों को संक्रमित कर रहे हैं। ऐसी ही एक खबर पुणे से आई जब एक तबलिगी का एक्सिडेंट हो गया और उसने कोरोना के विषय में बताए बिना ही कई डाक्टरों को संक्रमित कर दिया। इस करण से 40 डाक्टरों को quarantine किया गया है। ऐसे में अब इन सभी को कोरोना होने का डर है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च को अस्पताल में एक ऑटोरिक्शा ड्राइवर के एक्सीडेंट का केस आया। डॉक्टरों ने इमरजेंसी में उसका इलाज किया। मगर, 2 दिन बाद उसे तेज बुखार आना शुरू हो गया। उसके शरीर का तापमान अचानक बढ़ने लगा। जब डॉक्टरों ने उसकी हालत देखकर माँ से पूछताछ की तो पहले तो उन्होंने माना किया लेकिन जब अधिक ज़ोर दिया गया तो उन्होंने स्वीकार कर लिया कि उनका बेटा तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने गया था।
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि पहले तो मरीज के परिजनों ने उसकी किसी भी ट्रैवल हिस्ट्री से इंकार किया था। अस्पताल के स्टॉफ ने इसके संबंध में उसकी माँ से जानकारी ली। माँ ने ज्यादा जोर देने पर बताया कि उनका बेटा मरकज़ से लौटा था। इसके बाद शुक्रवार को मरीज का सैंपल टेस्ट के लिए भेजा गया और रिपोर्ट आने पर मालूम हुआ कि मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।
इसके बाद जैसे ही उसके पॉज़िटिव होने की खबर आई, इस मरीज को तत्काल यशवंतराज चव्हाण मेमोरियल अस्पताल ले जाया गया। डी वाई पाटिल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डीन जितेंद्र भावलकर ने बताया, ‘तब हमने उसके संपर्क में आए लोगों को ढूढने की कोशिश की तथा ऐहतियात के तौर पर 42 डॉक्टरों एवं 50 अन्य मेडिकल स्टाफ को क्वारंटाइन में भेज दिया गया। उनके नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं।‘ अब रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ होगी।
पता नहीं ऐसे ही कितने जमाती कोरोना लिए पूरे भारत में घूम रहे हैं और कई लोगों को संक्रमित कर रहे हैं। दिल्ली के निज़ामुद्दीन के मरकज़ में शामिल होने वालों ने करोना का आतंक मचा रखा है। भारत के कोरोनोवायरस के 4,000 से अधिक मामलों में से, कम से कम 1,445 दिल्ली में तब्लीगी जमात से जुड़े पाए गए हैं।
बता दें कि 21 मार्च को मरकज भवन में हज़ारों की तादाद में लोग इकट्ठा होने शुरू हुए थे। इस कारण से उनमें से कई लोग वुहान वायरस से संक्रमित पाए गए थे। इनमें से कई सदस्य देश के कोने-कोने में फैल गए, जिसके कारण पहले महाराष्ट्र, फिर तमिलनाडु और अब दिल्ली में वुहान वायरस के मामलों में अप्रत्याशित उछाल आया है।
केंद्र सरकार और राज्य सरकारें अपने अपने स्तर से काम कर रही हैं लेकिन अगर कोई इस तरह से अपनी ट्रैवल हिस्ट्री के बारे में छिपाये तो ऐसे लोग न सिर्फ दोषी है बल्कि इन्हें कड़े से कड़ा दंड मिलना चाहिए क्योंकि ये न सिर्फ अपनी जान खतरे में डाल रहे हैं बल्कि अपने साथ अपने परिवार और समाज में भी कोरोना फैला रहे हैं। अगर ऐसे लोगों को नहीं रोका गया तो ते भारत में भी यूरोप जैसी तबाही ला सकते हैं।
भारत में तबलिगियों से जुड़े मामले रोज बढ़ते जा रहे हैं। कई राज्यों में तो ये मरकज़ से लौटने के बाद छुपकर बैठ गए है और हजारों लोगों को संक्रमित कर रहे हैं। ऐसी ही एक खबर पुणे से आई जब एक तबलिगी का एक्सिडेंट हो गया और उसने कोरोना के विषय में बताए बिना ही कई डाक्टरों को संक्रमित कर दिया। इस करण से 40 डाक्टरों को quarantine किया गया है। ऐसे में अब इन सभी को कोरोना होने का डर है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च को अस्पताल में एक ऑटोरिक्शा ड्राइवर के एक्सीडेंट का केस आया। डॉक्टरों ने इमरजेंसी में उसका इलाज किया। मगर, 2 दिन बाद उसे तेज बुखार आना शुरू हो गया। उसके शरीर का तापमान अचानक बढ़ने लगा। जब डॉक्टरों ने उसकी हालत देखकर माँ से पूछताछ की तो पहले तो उन्होंने माना किया लेकिन जब अधिक ज़ोर दिया गया तो उन्होंने स्वीकार कर लिया कि उनका बेटा तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने गया था।
अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि पहले तो मरीज के परिजनों ने उसकी किसी भी ट्रैवल हिस्ट्री से इंकार किया था। अस्पताल के स्टॉफ ने इसके संबंध में उसकी माँ से जानकारी ली। माँ ने ज्यादा जोर देने पर बताया कि उनका बेटा मरकज़ से लौटा था। इसके बाद शुक्रवार को मरीज का सैंपल टेस्ट के लिए भेजा गया और रिपोर्ट आने पर मालूम हुआ कि मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया गया है।
इसके बाद जैसे ही उसके पॉज़िटिव होने की खबर आई, इस मरीज को तत्काल यशवंतराज चव्हाण मेमोरियल अस्पताल ले जाया गया। डी वाई पाटिल मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के डीन जितेंद्र भावलकर ने बताया, ‘तब हमने उसके संपर्क में आए लोगों को ढूढने की कोशिश की तथा ऐहतियात के तौर पर 42 डॉक्टरों एवं 50 अन्य मेडिकल स्टाफ को क्वारंटाइन में भेज दिया गया। उनके नमूने परीक्षण के लिए भेजे गए हैं।‘ अब रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ होगी।
पता नहीं ऐसे ही कितने जमाती कोरोना लिए पूरे भारत में घूम रहे हैं और कई लोगों को संक्रमित कर रहे हैं। दिल्ली के निज़ामुद्दीन के मरकज़ में शामिल होने वालों ने करोना का आतंक मचा रखा है। भारत के कोरोनोवायरस के 4,000 से अधिक मामलों में से, कम से कम 1,445 दिल्ली में तब्लीगी जमात से जुड़े पाए गए हैं।
बता दें कि 21 मार्च को मरकज भवन में हज़ारों की तादाद में लोग इकट्ठा होने शुरू हुए थे। इस कारण से उनमें से कई लोग वुहान वायरस से संक्रमित पाए गए थे। इनमें से कई सदस्य देश के कोने-कोने में फैल गए, जिसके कारण पहले महाराष्ट्र, फिर तमिलनाडु और अब दिल्ली में वुहान वायरस के मामलों में अप्रत्याशित उछाल आया है।
केंद्र सरकार और राज्य सरकारें अपने अपने स्तर से काम कर रही हैं लेकिन अगर कोई इस तरह से अपनी ट्रैवल हिस्ट्री के बारे में छिपाये तो ऐसे लोग न सिर्फ दोषी है बल्कि इन्हें कड़े से कड़ा दंड मिलना चाहिए क्योंकि ये न सिर्फ अपनी जान खतरे में डाल रहे हैं बल्कि अपने साथ अपने परिवार और समाज में भी कोरोना फैला रहे हैं। अगर ऐसे लोगों को नहीं रोका गया तो ते भारत में भी यूरोप जैसी तबाही ला सकते हैं।
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