सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी साफ किया कि इस फ्लोर टेस्ट की वीडियोग्राफी की जाएगी और कांग्रेस के बागी विधायकों पर विधानसभा में आने का कोई दबाव नहीं होगा.
शिवराज सिंह चौहान ने SC के फैसले को बताया न्याय की जीत
22 विधायकों की बगावत से गहराया कमलनाथ सरकार पर संकट
मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है. यह फ्लोर टेस्ट मध्य प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार शाम 5 बजे तक कराया जाएगा. इस फैसले को कमलनाथ सरकार के लिए झटका माना जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी साफ किया कि इस फ्लोर टेस्ट की वीडियोग्राफी की जाएगी. साथ ही कांग्रेस के बागी विधायकों पर विधानसभा में आने का कोई दबाव नहीं होगा. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशकों पर बागी विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी. आपको बता दें कि कांग्रेस के 22 विधायकों के बागी होने के बाद से कमलनाथ सरकार पर संकट मंडरा रहा है.
गुरुवार को शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया जाएगा. विधानसभा सत्र का एक मात्र एजेंडा फ्लोर टेस्ट करवाना होगा. सभी अधिकारी ये सुनिश्चित करें कि किसी भी तरह आदेश का उल्लंघन न हो.
वहीं, भारतीय जनता पार्टी के नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसको न्याय की जीत करार दिया है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा. उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार को जनता की आहें लग गई हैं. बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी और जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी.
उधर, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर हमारे पास बहुमत होगा, तो हम जरूर पास होंगे. इसके लिए कोशिश की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया था कि हमारी सरकार के पास बहुमत है, लेकिन हम फ्लोर टेस्ट में क्यों जाएं? बीजेपी को लगाता है कि हमारी सरकार के पास बहुमत नहीं है, तो शिवराज सिंह चौहान अविश्वास प्रस्ताव लाएं, फिर हम सदन के अंदर बहुमत साबित करके दिखाएंगे. कमलनाथ ने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी आदेश होगा उसे हम स्वीकार करेंगे.
शिवराज सिंह चौहान ने SC के फैसले को बताया न्याय की जीत
22 विधायकों की बगावत से गहराया कमलनाथ सरकार पर संकट
मध्य प्रदेश में जारी सियासी संकट के बीच सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट का आदेश दिया है. यह फ्लोर टेस्ट मध्य प्रदेश विधानसभा में शुक्रवार शाम 5 बजे तक कराया जाएगा. इस फैसले को कमलनाथ सरकार के लिए झटका माना जा रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में यह भी साफ किया कि इस फ्लोर टेस्ट की वीडियोग्राफी की जाएगी. साथ ही कांग्रेस के बागी विधायकों पर विधानसभा में आने का कोई दबाव नहीं होगा. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि कर्नाटक और मध्य प्रदेश के पुलिस महानिदेशकों पर बागी विधायकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी होगी. आपको बता दें कि कांग्रेस के 22 विधायकों के बागी होने के बाद से कमलनाथ सरकार पर संकट मंडरा रहा है.
गुरुवार को शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया जाएगा. विधानसभा सत्र का एक मात्र एजेंडा फ्लोर टेस्ट करवाना होगा. सभी अधिकारी ये सुनिश्चित करें कि किसी भी तरह आदेश का उल्लंघन न हो.
वहीं, भारतीय जनता पार्टी के नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इसको न्याय की जीत करार दिया है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट होगा. उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार को जनता की आहें लग गई हैं. बीजेपी नेता शिवराज सिंह चौहान ने ही सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी और जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की थी.
उधर, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अगर हमारे पास बहुमत होगा, तो हम जरूर पास होंगे. इसके लिए कोशिश की जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने दावा किया था कि हमारी सरकार के पास बहुमत है, लेकिन हम फ्लोर टेस्ट में क्यों जाएं? बीजेपी को लगाता है कि हमारी सरकार के पास बहुमत नहीं है, तो शिवराज सिंह चौहान अविश्वास प्रस्ताव लाएं, फिर हम सदन के अंदर बहुमत साबित करके दिखाएंगे. कमलनाथ ने यह भी कहा था कि सुप्रीम कोर्ट का जो भी आदेश होगा उसे हम स्वीकार करेंगे.
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