LIVE: कांग्रेस में इस्तीफे पर इस्तीफे, अब तक 21 विधायकों ने छोड़ा कमलनाथ का हाथ

सिंधिया के पाले में आते ही बीजेपी ने सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. आज बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के साथ बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक भी बुलाई गई है. इस बैठक में मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार बनाने को हरी झंडी दी जाएगी.

दिल्ली में पीएम मोदी और शाह से सिंधिया की बैठक

बैठक के बाद सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया

मोदी कैबिनेट में मंत्री बन सकते हैं सिंधिया

मध्य प्रदेश के राज परिवार से आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपनी ही पार्टी यानी कांग्रेस को सबसे बड़ा झटका दिया है. मुख्यमंत्री कमलनाथ से नाराज चल रहे सिंधिया ने मंगलवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया. सिंधिया ने खुद ट्वीट कर अपने इस्तीफे की जानकारी दी है. सिंधिया के इस्तीफे के बाद उनके खेमे के 21 कांग्रेस विधायकों ने भी इस्तीफे दे दिए हैं. बिसाहू लाल सिंह ने तो विधायक पद से इस्तीफा देने के साथ ही कांग्रेस भी छोड़ दी है और वह बीजेपी में शामिल हो गए हैं. हालांकि, इस सबके बावजूद कांग्रेस को अपनी सरकार न गिरने का पूरा भरोसा है.
इस्तीफे देने वाले 21 विधायकों में 6 मंत्री भी शामिल हैं. ये विधायक कर्नाटक में हैं और वहीं से बाकायदा एक तस्वीर भी जारी की गई है. इन इस्तीफों के साथ ही कमलनाथ सरकार के जाने की पटकथा फाइनल मानी जा रही है. बीजेपी नेता और पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मैं विधानसभा स्पीकर से उम्मीद करता हूं कि वो विधायकों के इस्तीफों पर जल्द फैसला लें.
सपा-बसपा विधायकों का भी बीजेपी को समर्थन!
बीजेपी और समाजवादी पार्टी के एक-एक विधायक भी बीजेपी को समर्थन दे सकते हैं. बीएसपी के विधायक संजीव कुशवाहा और सपा विधायक राजेश शुक्ला शिवराज सिंह चौहान से मिलने उनके घर पहुंचे हैं. हालांकि, इस मुलाकात को शिवराज सिंह चौहान ने होली से जोड़कर बताया है. शिवराज सिंह ने कहा है कि वो सिर्फ होली के अवसर पर मुलाकात करने आए थे, इसमें कोई रानजीति नहीं है.
कांग्रेस ने बताया गद्दारी
दूसरी तरफ सिंधिया के इस्तीफे ने कांग्रेस में हलचल पैदा कर दी है. सिंधिया के इस फैसले को कांग्रेस ने गद्दारी बताया है. लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि अब मध्य प्रदेश में हमारी सरकार नहीं बच पाएगी. हालांकि, एमपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कांतिलाल भूरिया को अब भी पूरा भरोसा है.

सिंधिया के इस्तीफे के बीच कांतिलाल ने भोपाल में मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात की. मुलाकात के भूरिया ने भरोसा जताया कि कांग्रेस सरकार मजबूत है और यह चलती रहेगी. उन्होंने कहा कि किसी के कहने से सरकार नहीं गिरेगी, हमारे पास पर्याप्त संख्या है.

इस्तीफे से पहले पीएम मोदी से साथ सिंधिया की बैठक
वहीं, इस्तीफा देने से पहले सिंधिया दिल्ली में सुबह अपने आवास से निकलकर सीधे गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे और इसके बाद शाह के साथ ही वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पहुंच गए. पीएम के आवास पर सिंधिया की बैठक सुबह 10.45 बजे शुरू हुई.
करीब एक घंटे तक पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच बैठक चली. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद सिंधिया अमित शाह की कार में बैठकर ही बाहर निकले. पीएम मोदी से मुलाकात के बाद ही ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया.

सिंधिया ने अपना इस्तीफा पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजने के साथ ही इसे अपने ट्विटर हैंडल पर भी साझा किया है. सिंधिया ने इस इस्तीफे में कहा है कि वे जनसेवा के लिए राजनीति में आए हैं और बीते कुछ समय से कांग्रेस में रहते हुए ऐसा नहीं कर पा रहे थे.
आज ही बीजेपी ज्वाइन करेंगे सिंधिया
सिंधिया आज ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. इतना ही नहीं, जिस सम्मान के लिए सिंधिया कांग्रेस में लड़ रहे थे, वो सम्मान उन्हें बीजेपी में दिया जाएगा. सूत्रों के मुताबिक, ज्योतिरादित्य सिंधिया को बीजेपी राज्यसभा भेज सकती है और इस तरह उन्हें संसद सत्र के बाद कैबिनेट विस्तार कर मोदी सरकार में शामिल किया जा सकता है.
बीजेपी ने बुलाई संसदीय बोर्ड की बैठक
सिंधिया के पाले में आते ही बीजेपी ने सरकार बनाने की तैयारी शुरू कर दी है. आज बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के साथ बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक भी बुलाई गई है. इस बैठक में मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में सरकार बनाने को हरी झंडी दी जाएगी.
विधानसभा का गणित
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं. यहां 2 विधायकों का निधन हो गया है. इस तरह से विधानसभा की मौजूदा शक्ति 228 हो गई है. कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन हासिल था, जिनमें से 21 ने इस्तीफे दे दिए हैं. यानी अब कांग्रेस के पास 100 विधायकों का ही समर्थन रह गया है. जबकि बीजेपी के पास अपने 107 विधायक हैं.
21 विधायकों के इस्तीफे के बाद विधानसभा की संख्या 207 रह जाएगी, जिसके लिहाज से बहुमत के लिए 104 विधायकों की जरूरत होगी. ऐसे में ताजा ताकत के हिसाब से बीजेपी कांग्रेस से आगे है और उसके पास सरकार बनाने का मौका दिखाई दे रहा है.

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