दिल्ली पुलिस की एसआईटी ने जांच में खुलासा किया है कि आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के समय पार्षद ताहिर हुसैन मुस्तफाबाद इलाके में ही मौजूद था। पुलिस की गिरफ्त में आए आरोपी ताहिर हुसैन ने मुस्तफाबाद इलाके में रहने वाले तीन लोगों के नाम बताए हैं, जिनके यहां वह रुका हुआ।
वहीं, हिंसा थमने के बाद जब पुलिस उसकी तलाश कर रही थी तो वह जाकिर नगर में अपने एक जानकार के पास छुपा हुआ था। ताहिर के इस खुलासे के बाद पुलिस इन चारों लोगों की भी तलाश कर रही है।
क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर प्रवीर रंजन ने बताया कि अब तक जमा किए गए सबूतों के आधार पर पूरी घटना की कड़ियों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। शुरुआती जांच में पता चला है कि हिंसा के दौरान ताहिर चांदबाद और मुस्तफाबाद में ही मौजूद था। पुलिस उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करेगी, जिन्होंने फरारी के दौरान ताहिर की मदद की थी।
जाकिर नगर में आखिरी लोकेशन मिली थी
एसआईटी की जांच में पता चला है कि ताहिर हुसैन बीती 24 फरवरी से 27 फरवरी तक चांद बाग, मुस्तफाबाद और आसपास के इलाके में ही मौजूद था। 27 फरवरी के बाद उसकी लोकेशन जाकिर नगर में मिली। यहां वह दो दिन तक रुका रहा। इस दौरान पुलिस का दबाव बढ़ने पर उसने अपना मुख्य मोबाइल नंबर भी बंद कर दिया था। इसके बाद उसने वैकल्पिक मोबाइल नंबर का ही इस्तेमाल किया, जिसकी पुलिस द्वारा तलाश की जा रही है।
पुलिस मोबाइल को ढूंढ़ रही
क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर प्रवीर रंजन के मुताबिक, आरोपी का मोबाइल भी अभी तक पुलिस को नहीं मिला है, जिसकी तलाश की जा रही है।
अब तक 683 एफआईआर
हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक 683 एफआईआर कर 1983 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने आम्र्स एक्ट में अलग से 48 एफआईआर दर्ज की हैं। वहीं, पुलिस ने अब तक अमन कमेटी की 251 बैठक पुलिस कर चुकी है।
गवाह का दावा: पेट्रोल बम-पत्थर फेंके गए
ताहिर के खिलाफ खजूरीखास थाने में तैनात सिपाही संग्रार्म ंसह ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें ताहिर के घर से पेट्रोल बम और पत्थर फेंकने की बात कही गई थी। इस हमले में उपद्रवियों ने संग्रार्म ंसह की बाइक भी जला दी थी। वहीं, दयालपुर थाने में दर्ज एफआईआर में गोली से घायल हुए अजय गोस्वामी नाम के शख्स के बयान लिए गए हैं, जो 25 फरवरी को अपने चाचा राकेश शर्मा के घर आया था। दोपहर 3.50 बजे वह खजूरी जा रहा था।
वह जैसे ही गली के कोने पर पहुंचा तो देखा कि मेन करावल नगर रोड पर भीड़ जमा है, जो पत्थरबाजी और गोलीबारी कर रही थी। यह देख वह अंकल के घर की तरफ भगाने लगा तो उसके दाहिने कूल्हे पर गोली जैसी चीज लगी। वहां खड़े लोगों ने उसे बताया कि ताहिर हुसैन के मकान से काफी लोग गोलियां चला रहे हैं। इन मामलों की जांच पुलिस कर रही है।
पुलिस ने स्कूल से जांच के लिए नमूने उठाए
मामले की जांच कर रही एसआईटी ने शिव विहार स्थित राजधानी स्कूल से एफएसएल की मौजूदगी में कुछ नमूने लिए हैं। दरअसल, इस स्कूल की छत पर गुलेल बनाकर पत्थर और पेट्रोल बम फेंके गए थे। उधर, हिंसा में मारे गए राहुल सोलंकी के माता-पिता पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। वे स्कूल के खिलाफ भी जांच कराने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं।
सात दिन की रिमांड पर सौंपा गया
ताहिर हुसैन को शुक्रवार शाम कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को सात दिन की रिमांड पर सौंप दिया। पुलिस ने अदालत में कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में जिस स्तर पर हिंसा हुई, वह एक बड़ी साजिश थी। इस साजिश के खुलासे के लिए ताहिर को रिमांड पर लेना जरूरी है। हालांकि, ताहिर के वकील ने इसका विरोध किया।
वहीं, हिंसा थमने के बाद जब पुलिस उसकी तलाश कर रही थी तो वह जाकिर नगर में अपने एक जानकार के पास छुपा हुआ था। ताहिर के इस खुलासे के बाद पुलिस इन चारों लोगों की भी तलाश कर रही है।
क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर प्रवीर रंजन ने बताया कि अब तक जमा किए गए सबूतों के आधार पर पूरी घटना की कड़ियों को जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। शुरुआती जांच में पता चला है कि हिंसा के दौरान ताहिर चांदबाद और मुस्तफाबाद में ही मौजूद था। पुलिस उनके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई करेगी, जिन्होंने फरारी के दौरान ताहिर की मदद की थी।
जाकिर नगर में आखिरी लोकेशन मिली थी
एसआईटी की जांच में पता चला है कि ताहिर हुसैन बीती 24 फरवरी से 27 फरवरी तक चांद बाग, मुस्तफाबाद और आसपास के इलाके में ही मौजूद था। 27 फरवरी के बाद उसकी लोकेशन जाकिर नगर में मिली। यहां वह दो दिन तक रुका रहा। इस दौरान पुलिस का दबाव बढ़ने पर उसने अपना मुख्य मोबाइल नंबर भी बंद कर दिया था। इसके बाद उसने वैकल्पिक मोबाइल नंबर का ही इस्तेमाल किया, जिसकी पुलिस द्वारा तलाश की जा रही है।
पुलिस मोबाइल को ढूंढ़ रही
क्राइम ब्रांच के स्पेशल कमिश्नर प्रवीर रंजन के मुताबिक, आरोपी का मोबाइल भी अभी तक पुलिस को नहीं मिला है, जिसकी तलाश की जा रही है।
अब तक 683 एफआईआर
हिंसा मामले में पुलिस ने अब तक 683 एफआईआर कर 1983 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। पुलिस ने आम्र्स एक्ट में अलग से 48 एफआईआर दर्ज की हैं। वहीं, पुलिस ने अब तक अमन कमेटी की 251 बैठक पुलिस कर चुकी है।
गवाह का दावा: पेट्रोल बम-पत्थर फेंके गए
ताहिर के खिलाफ खजूरीखास थाने में तैनात सिपाही संग्रार्म ंसह ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें ताहिर के घर से पेट्रोल बम और पत्थर फेंकने की बात कही गई थी। इस हमले में उपद्रवियों ने संग्रार्म ंसह की बाइक भी जला दी थी। वहीं, दयालपुर थाने में दर्ज एफआईआर में गोली से घायल हुए अजय गोस्वामी नाम के शख्स के बयान लिए गए हैं, जो 25 फरवरी को अपने चाचा राकेश शर्मा के घर आया था। दोपहर 3.50 बजे वह खजूरी जा रहा था।
वह जैसे ही गली के कोने पर पहुंचा तो देखा कि मेन करावल नगर रोड पर भीड़ जमा है, जो पत्थरबाजी और गोलीबारी कर रही थी। यह देख वह अंकल के घर की तरफ भगाने लगा तो उसके दाहिने कूल्हे पर गोली जैसी चीज लगी। वहां खड़े लोगों ने उसे बताया कि ताहिर हुसैन के मकान से काफी लोग गोलियां चला रहे हैं। इन मामलों की जांच पुलिस कर रही है।
पुलिस ने स्कूल से जांच के लिए नमूने उठाए
मामले की जांच कर रही एसआईटी ने शिव विहार स्थित राजधानी स्कूल से एफएसएल की मौजूदगी में कुछ नमूने लिए हैं। दरअसल, इस स्कूल की छत पर गुलेल बनाकर पत्थर और पेट्रोल बम फेंके गए थे। उधर, हिंसा में मारे गए राहुल सोलंकी के माता-पिता पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रहे हैं। वे स्कूल के खिलाफ भी जांच कराने की मांग को लेकर धरने पर बैठे हैं।
सात दिन की रिमांड पर सौंपा गया
ताहिर हुसैन को शुक्रवार शाम कड़कड़डूमा कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने आरोपी को सात दिन की रिमांड पर सौंप दिया। पुलिस ने अदालत में कहा कि उत्तर-पूर्वी दिल्ली में जिस स्तर पर हिंसा हुई, वह एक बड़ी साजिश थी। इस साजिश के खुलासे के लिए ताहिर को रिमांड पर लेना जरूरी है। हालांकि, ताहिर के वकील ने इसका विरोध किया।
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