मध्य प्रदेश के राज्यपाल ने आज राज्य के मुख्यमंत्री कमलनाथ को अपना बहुमत साबित करने का आदेश दिया था मगर कमलनाथ ने बड़ी चालाकी से कोरोंना वायरस का बहाना बनाकर विधानसभा स्थगित करवा दिया जिसके कारण सरकार का बहुमत परीक्षण नहीं हो सका
अब इस घटना के बाद राज्यपाल लाल सिंह टंडन ने कमलनाथ को पत्र लिख कर कहा की कमलनाथ सरकार कल यानी 17 तारीख को अपना बहुमत सिद्ध करे नहीं तो ये माना जाएगा की सरकार के पास बहुमत नहीं है और कमलनाथ की सरकार अल्पमत की सरकार है
राजनीतिक पंडितों ने इस पत्र के ये मायने निकाले है की कल अगर कमलनाथ अपना बहुमत नहीं साबित करते है तो राज्यपाल के पास पूरा अधिकार है की वो अल्पमत सरकार को बर्खास्त करने की सिफारिश राष्ट्रपति को कर सकते है जिसपे अंतिम फैसला राष्ट्रपति का होगा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्यपाल का खत मिलने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम हाउस में शाम 7 बजे बुलाई विधायक दल की बैठक। इसमें सभी विधायकों को पहुंचने के निर्देश दिए गए। इस मीटिंग में सरकार पर चल रहे सियासी संकट पर मंथन हो सकता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में जो कांग्रेस के बागी विधायक बेंगलुरु पहुंचे थे, वह अब राज्यपाल के सामने पेश हो सकते हैं। इसके साथ यह खबर भी सामने आ रही है कि यह विधायक भोपाल आने से पहले एकजुट होकर मीडिया के सामने अपनी बात रखेंगे। कांग्रेस पार्टी से त्याग-पत्र देने वाले छह विधायक राज्य में मंत्री थे, जिन्हें पहले ही बर्खास्त कर दिया गया और बाद में उनकी सदस्यता खत्म की गई। वर्तमान में 21 विधायक बेंगलुरू में हैं। जानकारों का कहना है कि अगर कांग्रेस से बगावत करने वाले 16 विधायक भी राज्यपाल के समक्ष पेश होकर सरकार के खिलाफ अविश्वास व्यक्त करते हैं, तो ऐसी स्थिति में सरकार के विरोध में 122 विधायक हो जाएंगे और कांग्रेस सरकार का ज्यादा चल पाना संभव नहीं होगा।
अब इस घटना के बाद राज्यपाल लाल सिंह टंडन ने कमलनाथ को पत्र लिख कर कहा की कमलनाथ सरकार कल यानी 17 तारीख को अपना बहुमत सिद्ध करे नहीं तो ये माना जाएगा की सरकार के पास बहुमत नहीं है और कमलनाथ की सरकार अल्पमत की सरकार है
राजनीतिक पंडितों ने इस पत्र के ये मायने निकाले है की कल अगर कमलनाथ अपना बहुमत नहीं साबित करते है तो राज्यपाल के पास पूरा अधिकार है की वो अल्पमत सरकार को बर्खास्त करने की सिफारिश राष्ट्रपति को कर सकते है जिसपे अंतिम फैसला राष्ट्रपति का होगा
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, राज्यपाल का खत मिलने के बाद मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम हाउस में शाम 7 बजे बुलाई विधायक दल की बैठक। इसमें सभी विधायकों को पहुंचने के निर्देश दिए गए। इस मीटिंग में सरकार पर चल रहे सियासी संकट पर मंथन हो सकता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थन में जो कांग्रेस के बागी विधायक बेंगलुरु पहुंचे थे, वह अब राज्यपाल के सामने पेश हो सकते हैं। इसके साथ यह खबर भी सामने आ रही है कि यह विधायक भोपाल आने से पहले एकजुट होकर मीडिया के सामने अपनी बात रखेंगे। कांग्रेस पार्टी से त्याग-पत्र देने वाले छह विधायक राज्य में मंत्री थे, जिन्हें पहले ही बर्खास्त कर दिया गया और बाद में उनकी सदस्यता खत्म की गई। वर्तमान में 21 विधायक बेंगलुरू में हैं। जानकारों का कहना है कि अगर कांग्रेस से बगावत करने वाले 16 विधायक भी राज्यपाल के समक्ष पेश होकर सरकार के खिलाफ अविश्वास व्यक्त करते हैं, तो ऐसी स्थिति में सरकार के विरोध में 122 विधायक हो जाएंगे और कांग्रेस सरकार का ज्यादा चल पाना संभव नहीं होगा।
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