नई दिल्ली, 31 मार्च: राजधानी दिल्ली के निजामुद्दीन में स्थित मरकज में देश-विदेश से तब्लीग-ए-जमात में हिस्सा लेने के लिए मौलवी, मौलाना पहुंचे थे, कुल 1830 लोग मरकज में पहुंचे थे, ये सब लॉकडाउन के पहले आये थे कुछ चले गए जबकि 1,400 मुस्लिम लोग लॉकडाउन के बाद भी यहाँ रुके हुए थे. जिसकी जानकारी किसी को नहीं थी।
कोरोना वायरस के चलते मरकज से अब तक कुल 860 लोगों को निकालकर अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचाया जा चुका है, क्योंकि इन्हीं में से मरकज में शामिल होने वाले छह लोगों की तेलंगाना में कोरोनावायरस से मौत हो गई, जबकि इन्हीं में से 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, इसीलिए सबको अस्पताल ले जाय जा रहा है। इसी बीच एक बड़ी खबर आयी है।
Sushant Sinha
✔
@SushantBSinha
तबलीगी जमात की स्टोरी कवर कर रहे हमारे सहयोगी भास्कर बता रहे हैं कि डॉक्टर्स का कहना है कि इतना होने के बाद भी जमात के कुछ लोग सहयोग नहीं कर रहे और कुछ तो पारासीटामोल खाकर आ गए ताकि बुखार का पता न चल सके। क्या ही कहा जाए, गजबे है।
4,080
12:20 PM - Mar 31, 2020
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़, अपने आप को कोरोना से बचाने के लिए मौलवी लोग बड़ी चाल चल रहे हैं, पत्रकार सुशांत सिन्हा ने ट्वीट कर कहा है की, तबलीगी जमात की स्टोरी कवर कर रहे हमारे सहयोगी भास्कर बता रहे हैं कि डॉक्टर्स का कहना है कि इतना होने के बाद भी जमात के कुछ लोग सहयोग नहीं कर रहे और कुछ तो पारासीटामोल खाकर आ गए ताकि बुखार का पता न चल सके। क्या ही कहा जाए, गजबे है।
कोरोना वायरस के चलते मरकज से अब तक कुल 860 लोगों को निकालकर अलग-अलग अस्पतालों में पहुंचाया जा चुका है, क्योंकि इन्हीं में से मरकज में शामिल होने वाले छह लोगों की तेलंगाना में कोरोनावायरस से मौत हो गई, जबकि इन्हीं में से 24 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, इसीलिए सबको अस्पताल ले जाय जा रहा है। इसी बीच एक बड़ी खबर आयी है।
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तबलीगी जमात की स्टोरी कवर कर रहे हमारे सहयोगी भास्कर बता रहे हैं कि डॉक्टर्स का कहना है कि इतना होने के बाद भी जमात के कुछ लोग सहयोग नहीं कर रहे और कुछ तो पारासीटामोल खाकर आ गए ताकि बुखार का पता न चल सके। क्या ही कहा जाए, गजबे है।
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