जब कोरोना को लेकर भारत सरकार देश से अपील कर रही थी की सावधानी बरतें, घरों में रहे, भीड़ न लगाये, हाथ धोते रहे, फिर जनता कर्फ्यू और फिर लॉक डाउन, तब इस देश में मजहबी तत्व टिक टोक पर विडियो बना रहे थे, मस्जिदों में मरकज़ लगा रहे थे और कह रहे थे की हम सुन्नत वाले है हमे कोरोना नहीं होगा
कोई कह रहा था की नमाज़ पढने वालो को कोरोना नहीं होगा, कोई कह रहा था की हमे मास्क नहीं अल्लाह पर भरोसा है, कोई कह रहा था की हमे कोरोना थोड़ी होगा कोरोना तो हमारे कुरान से ही निकला है
आपने भी देखा होगा एक के बाद एक मजहबी उन्मादी अपने विडियो टिक टोक पर बनाकर डाल रहे थे और मजहबी उन्माद का नंगा नाच कर रहे थे, इन लोगो को कोरोना नहीं होने वाला था
जबकि अब सच ये है की पिछले 3-4 दिनों में सबसे ज्यादा कोरोना भारत में मुसलमानों को ही हुआ है, जिन लोगो ने सरकार की बात मानी, सावधानी बरती, घरों में रहे, उनकी संख्या अब कम है, जबकि मुसलमान ही अब सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव निकल रहे है
तमिलनाडु हो, केरल हो, दिल्ली हो, उत्तर प्रदेश हो, महाराष्ट्र हो, सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव अब मुसलमान ही निकल रहे है और तो और मरने वालो में भी मुस्लमान ही ज्यादा है, तेलंगाना में कल 6 मुसलमानों की मौत हुई है, ये सभी दिल्ली के निजामुद्दीन में मजहबी मरकज़ में शामिल हुए थे
Sushant Sinha
✔
@SushantBSinha
तबलीगी जमात के लोग कोरोना पाज़िटिव भी मिल रहे और इनमें से कोरोना की वजह से कुछ की मौत भी हो चुकी।
कोई है जिसके मन में अभी भी डाउट है कि मुसलमानों को कोरोना नहीं हो सकता, नमाज़ पढ़ने से कोरोना का वायरस मर जाता है या मुसलमान को कोरोना नहीं होगा क्योंकि कोरोना तो कुरान से निकला है?
4,154
10:44 AM - Mar 31, 2020
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न सुन्नत ने बचाया, न कुरान ने, न नमाज़ ने, न अल्लाह ने, सिर्फ वही लोग बचे जिन्होंने सावधानी रखी, सरकार की बात मानी, मजहबी उन्माद ने इन लोगो की जान को तो खतरे में अब डाल ही दिया है साथ ही साथ इनके मूवमेंट से देश में भी असुरक्षा बढ़ चूका है, मजहबी उन्माद इस देश को बर्बाद कर देने पर अमादा है
कोई कह रहा था की नमाज़ पढने वालो को कोरोना नहीं होगा, कोई कह रहा था की हमे मास्क नहीं अल्लाह पर भरोसा है, कोई कह रहा था की हमे कोरोना थोड़ी होगा कोरोना तो हमारे कुरान से ही निकला है
आपने भी देखा होगा एक के बाद एक मजहबी उन्मादी अपने विडियो टिक टोक पर बनाकर डाल रहे थे और मजहबी उन्माद का नंगा नाच कर रहे थे, इन लोगो को कोरोना नहीं होने वाला था
जबकि अब सच ये है की पिछले 3-4 दिनों में सबसे ज्यादा कोरोना भारत में मुसलमानों को ही हुआ है, जिन लोगो ने सरकार की बात मानी, सावधानी बरती, घरों में रहे, उनकी संख्या अब कम है, जबकि मुसलमान ही अब सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव निकल रहे है
तमिलनाडु हो, केरल हो, दिल्ली हो, उत्तर प्रदेश हो, महाराष्ट्र हो, सबसे ज्यादा कोरोना पॉजिटिव अब मुसलमान ही निकल रहे है और तो और मरने वालो में भी मुस्लमान ही ज्यादा है, तेलंगाना में कल 6 मुसलमानों की मौत हुई है, ये सभी दिल्ली के निजामुद्दीन में मजहबी मरकज़ में शामिल हुए थे
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तबलीगी जमात के लोग कोरोना पाज़िटिव भी मिल रहे और इनमें से कोरोना की वजह से कुछ की मौत भी हो चुकी।
कोई है जिसके मन में अभी भी डाउट है कि मुसलमानों को कोरोना नहीं हो सकता, नमाज़ पढ़ने से कोरोना का वायरस मर जाता है या मुसलमान को कोरोना नहीं होगा क्योंकि कोरोना तो कुरान से निकला है?
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न सुन्नत ने बचाया, न कुरान ने, न नमाज़ ने, न अल्लाह ने, सिर्फ वही लोग बचे जिन्होंने सावधानी रखी, सरकार की बात मानी, मजहबी उन्माद ने इन लोगो की जान को तो खतरे में अब डाल ही दिया है साथ ही साथ इनके मूवमेंट से देश में भी असुरक्षा बढ़ चूका है, मजहबी उन्माद इस देश को बर्बाद कर देने पर अमादा है
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