मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार की बड़ी मुश्किलें, राज्यपाल लालजी टंडन ने फ्लोर टेस्ट का दिया आदेश

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने कमलनाथ सरकार को सोमवार को बहुमत साबित करने का आदेश दिया है।

मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने सोमवार को विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति को आदेश देते हुए सरकार के अल्पमत में होने के चलते फ्लोर टेस्ट करने के आदेश दे दिए हैं। 22 दिनों के अंदर कांग्रेस के 22 विधायकों ने कमलनाथ की 15 महीने पुरानी सरकार को खतरे में डालकर इस्तीफा दे दिया।
राज्यपाल ने अपने आदेश में कहा कि मध्य प्रदेश विधानसभा का सत्र 16 मार्च को सुबह 11 बजे शुरू होगा और विधानसभा में मेरे संबोधन के बाद कमलनाथ सरकार को अपना विश्वास मत पास करना होगा।
उन्होंने कहा कि विश्वास मत पर विभाजन बटन दबाने से होगा। मतदान का कोई अन्य तरीका स्वीकार्य नहीं होगा। उन्होंने आदेश में यह भी कहा कि 16 मार्च को फ्लोर टेस्ट पूरा करना होगा। और ये अभ्यास स्थगित, विलंबित या निलंबित नहीं किया जा सकता है।
विधानसभा अध्यक्ष ने शनिवार को 6 बागी मंत्रियों के इस्तीफे को स्वीकार कर लिया। जिसके बाद सरकार के अल्पमत के होने के चलते राज्यपाल ने ये फरमान सुनाया है। सदन में बहुमत के निशान को 113 पर ला दिया, जो कांग्रेस का समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या से केवल दो कम है।
इस्तीफा स्वीकार करने के बाद 230 सदस्यीय विधानसभा की प्रभावी शक्ति 222 तक रह गई है। सदन में कांग्रेस के 108 विधायक हैं और 7 सहयोगी विधायकों का समर्थन हासिल है। बागी विधायकों को फिलहाल, बेंगलुरु में एक साथ रखा गया है।
कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने उन्हें बंदी बना रखा है। कमलनाथ ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को एक पत्र लिखा। जिसमें उन्होंने विधायकों की रिहाई सुनिश्चित करने का आग्रह किया।

वहीं कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि कृपया केंद्रीय गृह मंत्री के रूप में अपनी शक्ति का उपयोग करें, ताकि बंदी बनाए गए 22 कांग्रेसी विधायक मध्य प्रदेश पहुंच सकें और 16 मार्च से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में भाग ले सकें।

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