उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में प्रशासन ने शनिवार को जीवनगढ़ में क्वारसी बाईपास अनूप शहर मार्ग पर नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों को हटा दिया। प्रदर्शनकारियों ने लगभग एक सप्ताह पहले पुलिसकर्मियों से उनकी हिंसा भड़कने के अगले दिन से सड़क को बंद कर रखा था। हिंसा में आठ लोग घायल हो गए थे। सड़क पर से टेंट और बेरिकेड हटा दिए गए थे और महिला प्रदर्शनकारियों ने भी रास्ता साफ कर दिया था, लेकिन वे मौके पर फिर इकट्ठे हो गए।
बाद में सभी प्रदर्शनकारियों को स्थानीय सामुदायिक नेताओं ने क्षेत्र खाली करने के लिए मना लिया था और उन्होंने खुद ही मार्ग खाली कर दिया था। जिला अधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारी कुछ स्थानीय मांगों के साथ एक ज्ञापन देना चाहते थे। इनमें प्रदर्शन खत्म करने की स्थिति में शोषण नहीं करने का आश्वासन तथा रविवार रात हिंसा में घायलों को आर्थिक मदद की मांगें थीं।
उन्होंने कहा कि प्रशासन उनकी मांगों पर विचार करेगा। अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मुनिराज जी ने कहा कि पुलिस किसी को भी शहर की कानून व्यवस्था से छेड़छाड़ नहीं करने देगी। इस बीच अलीगढ़ में लगभग एक सप्ताह बाद इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं।
उत्तर भारत में PFI पर दंगा भड़काने का शंका!
गौरतलब है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उत्तर भारत में सक्रिय भीम आर्मी संगठन हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) हिंसा में प्रमुख संदिग्ध के तौर पर उभरकर सामने आए हैं। पीएफआई जहां कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों से संबद्ध है वहीं भीम आर्मी एक अंबेडकरवादी संगठन है।
बता दें कि पीएफआई का मुख्यालय शाहीन बाग में स्थित है, जहां देश का सबसे बड़ा सीएए-विरोधी धरना प्रदर्शन चल रहा है। पीएफआई नेताओं और भीम आर्मी के ँ नौकरीपदाधिकारियों के बीच संबंध ईडी ने भी उजागर किए हैं।
रिपोर्ट्स में कहा गया कि पीएफआई का दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद परवेज अहमद शाहीन बाग प्रदर्शन का प्रमुख भागीदार है। परवेज भीम आर्मी के कई व्हाट्सएप ग्रुपों से भी जुड़ा हुआ है।
गलतफहमी में न रहें, हमें सुधारना आता है-योगी
बता दें कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ नरमी बरतने के मूड में बिल्कुल नहीं हैं इस बात की पुष्टि उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भी की। योगी ने विधानसभा में कहा-”आखिर देश की छवि आप लोग क्यों खराब करना चाहते हैं? देश में आगजनी और तोड़फोड़ करके निर्दोष लोगों को निशाना बनाकर ये लोग क्या चाहते हैं? ऐसे लोग एक बात साफ-साफ नोट कर लें कि वह गलतफहमी में बिल्कुल न रहें क्योंकि कयामत का दिन कभी नहीं आएगा। कोई गलतफहमी का शिकार होगा तो उसका समाधान हम अच्छे से करना जानते हैं।”
कुल मिलाकर योगी आदित्यनाथ राज्य में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर बेहद सख्त नजर आ रहे हैं। जहां देश की राजधानी दिल्ली में हिंसा अपने चरम पर है, कई राज्यों से छिटपुट हिंसा की खबरें आ रही हैं वहीं यूपी की योगी सरकार दंगाईयों से निपटने के लिए फुल मूड में नजर आ रही है।
राज्य में किसी की हिम्मत नहीं हो रही है कि वे शांति भंग कर सकें। इससे पहले भी दंगाईयों ने यूपी के पश्चिमी जिलों को जलाने की कोशिश की थी लेकिन जब योगी ने उन्हीं से पैसे वसूलने शुरू किए तो समझ में आ गया कि यहां दंगा करके बच पाना बस की बात नहीं है।
बाद में सभी प्रदर्शनकारियों को स्थानीय सामुदायिक नेताओं ने क्षेत्र खाली करने के लिए मना लिया था और उन्होंने खुद ही मार्ग खाली कर दिया था। जिला अधिकारी चंद्र भूषण सिंह ने कहा कि प्रदर्शनकारी कुछ स्थानीय मांगों के साथ एक ज्ञापन देना चाहते थे। इनमें प्रदर्शन खत्म करने की स्थिति में शोषण नहीं करने का आश्वासन तथा रविवार रात हिंसा में घायलों को आर्थिक मदद की मांगें थीं।
उन्होंने कहा कि प्रशासन उनकी मांगों पर विचार करेगा। अलीगढ़ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) मुनिराज जी ने कहा कि पुलिस किसी को भी शहर की कानून व्यवस्था से छेड़छाड़ नहीं करने देगी। इस बीच अलीगढ़ में लगभग एक सप्ताह बाद इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई हैं।
उत्तर भारत में PFI पर दंगा भड़काने का शंका!
गौरतलब है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उत्तर भारत में सक्रिय भीम आर्मी संगठन हाल ही में पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) हिंसा में प्रमुख संदिग्ध के तौर पर उभरकर सामने आए हैं। पीएफआई जहां कट्टरपंथी इस्लामिक संगठनों से संबद्ध है वहीं भीम आर्मी एक अंबेडकरवादी संगठन है।
बता दें कि पीएफआई का मुख्यालय शाहीन बाग में स्थित है, जहां देश का सबसे बड़ा सीएए-विरोधी धरना प्रदर्शन चल रहा है। पीएफआई नेताओं और भीम आर्मी के ँ नौकरीपदाधिकारियों के बीच संबंध ईडी ने भी उजागर किए हैं।
रिपोर्ट्स में कहा गया कि पीएफआई का दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मोहम्मद परवेज अहमद शाहीन बाग प्रदर्शन का प्रमुख भागीदार है। परवेज भीम आर्मी के कई व्हाट्सएप ग्रुपों से भी जुड़ा हुआ है।
गलतफहमी में न रहें, हमें सुधारना आता है-योगी
बता दें कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ नरमी बरतने के मूड में बिल्कुल नहीं हैं इस बात की पुष्टि उन्होंने विधानसभा की कार्यवाही के दौरान भी की। योगी ने विधानसभा में कहा-”आखिर देश की छवि आप लोग क्यों खराब करना चाहते हैं? देश में आगजनी और तोड़फोड़ करके निर्दोष लोगों को निशाना बनाकर ये लोग क्या चाहते हैं? ऐसे लोग एक बात साफ-साफ नोट कर लें कि वह गलतफहमी में बिल्कुल न रहें क्योंकि कयामत का दिन कभी नहीं आएगा। कोई गलतफहमी का शिकार होगा तो उसका समाधान हम अच्छे से करना जानते हैं।”
कुल मिलाकर योगी आदित्यनाथ राज्य में लॉ एंड ऑर्डर को लेकर बेहद सख्त नजर आ रहे हैं। जहां देश की राजधानी दिल्ली में हिंसा अपने चरम पर है, कई राज्यों से छिटपुट हिंसा की खबरें आ रही हैं वहीं यूपी की योगी सरकार दंगाईयों से निपटने के लिए फुल मूड में नजर आ रही है।
राज्य में किसी की हिम्मत नहीं हो रही है कि वे शांति भंग कर सकें। इससे पहले भी दंगाईयों ने यूपी के पश्चिमी जिलों को जलाने की कोशिश की थी लेकिन जब योगी ने उन्हीं से पैसे वसूलने शुरू किए तो समझ में आ गया कि यहां दंगा करके बच पाना बस की बात नहीं है।
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