जेएनयू देशद्रोह कांड से लेकर दिल्ली दंगों के खुलासों तक अब इस संदेह को पुख्ता आधार मिल गए हैं कि अरविंद केजरीवाल देशविरोधी ताकतों और दंगाई मानसिकता के लोगों के छिपे हुए सरगना हो सकते हैं। जब दिल्ली दंगों में उनका दुलारा दंगाई ताहिर हुसैन एक्सपोज हो गया, तो एक तरफ संजय सिंह को उसको बचाने की ज़िम्मेदारी सौंपी है, दूसरी तरफ अपने चेहरे की कालिख धोने और पब्लिक की आँखों में फिर से धूल झोंकने के लिए जेएनयू देशद्रोह कांड के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने को मंजूरी दे दी है। इन सारे घटनाक्रम ने देश के आगे कुछ बड़े सवाल खड़े किए हैं। जनता ने सोशल मीडिया के जरिए मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से ये 15 सवाल पूछे हैं। सवाल उठता है कि क्या केजरीवाल इन सवालों का जवाब देने का साहस करेंगे?:
1. अगर जेएनयू देशद्रोह कांड के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाना सही था, तो एक साल से अधिक समय तक उसपर कुंडली मारकर क्यों बैठे रहे?
2. अगर जेएनयू देशद्रोह कांड के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाना सही था, तो जेएनयू जाकर उनका समर्थन करने से लेकर अब तक उन लोगों को नैतिक, राजनीतिक और वैधानिक संरक्षण देने के जुर्म में आपको भी देशद्रोह के कठघरे में क्यों न खड़ा किया जाए?
3. अगर जेएनयू देशद्रोह कांड के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाना सही नहीं था, तो एक साल से अधिक समय बाद अब क्यों मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी?
4. चाहे मुकदमा चलाना सही था या नहीं था, लेकिन इतने संवेदनशील मामले में फैसला लेने में एक साल से अधिक वक़्त क्यों लिया?
5. अगर तब मुकदमा चलाना आपको सही नहीं लगा और अब लगा, तो बताएं कि अब आपको उन देशद्रोह आरोपियों के खिलाफ कौन से ऐसे नए सबूत, इनपुट्स या जानकारियां मिली हैं, जिनके आधार पर आपने अब मुकदमा चलाना ज़रूरी समझा है?
6. जेएनयू देशद्रोह कांड के आरोपियों के बचाव के कारण जेएनयू की तर्ज पर जामिया और AMU समेत देश के कई विश्वविद्यालयों में जो हिंसक घटनाएं हुईं, उनके लिए आपकी नहीं तो किसकी जिम्मेदारी होगी?
7. क्या दिल्ली दंगों की साज़िश रचने में आम आदमी पार्टी के बुरी तरह से फंस जाने के कारण आपने फेस सेविंग की कवायद में जेएनयू देशद्रोह आरोपियों पर मुकदमे को मंजूरी दी है?
8. यदि हाँ, तो बताएं कि दिल्ली दंगा कराने के लिए आपने किन-किन देशविरोधी और साम्प्रदायिक ताकतों से समझौते किये थे?
9. क्या आपके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी सम्बंध हैं?
10. यदि नहीं, तो क्या आपने ही ताहिर हुसैन को किसी बांग्लादेशी चरमपंथी गुट के साथ सांठ-गांठ करके यह दंगा कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी, जैसा कि सुब्रमण्यम स्वामी ने ताहिर के बांग्लादेशी टेरर लिंक होने और इसी वजह से आईबी अफसर की हत्या करने का संदेह जताया है?
11. और यदि दिल्ली दंगों में आपका हाथ नहीं है, तो आपके दाहिने हाथ संजय सिंह बिना जांच बिना सबूत ताहिर हुसैन का बचाव क्यों कर रहे हैं?
12. अगर आप मानते हैं कि ताहिर हुसैन के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई होनी चाहिए और संजय सिंह ने आपकी मर्जी के बगैर उसका पक्ष लिया है तो संजय सिंह के खिलाफ कब और क्या कार्रवाई करने वाले हैं?
13. और अगर आप मानते हैं कि संजय सिंह ने सही कहा है या निजी राय प्रकट की है, तो क्या आप पर्दे के पीछे अब भी ताहिर हुसैन को बचाने का खेल खेलेंगे?
14. दिल्ली दंगों में आम आदमी पार्टी नेता की स्पष्ट भूमिका पाए जाने के बाद ऐसा क्यों न माना जाए कि विधानसभा चुनाव से पहले भी जामिया इलाके में हिंदू नामधारियों से फायरिंग की घटनाएं आपने ही कराई थी, क्योंकि उन दो लोगों में से एक को आपकी पार्टी से ही जुड़ा हुआ पाया गया था?
15. आप देश को बदलने की राजनीति करने का वादा करके राजनीति में आए थे, फिर इतनी घिनौनी राजनीति कैसे करने लगे और आपकी पार्टी में दंगाइयों एवं अपराधियों का ऐसा बोलबाला कैसे हो गया?
1. अगर जेएनयू देशद्रोह कांड के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाना सही था, तो एक साल से अधिक समय तक उसपर कुंडली मारकर क्यों बैठे रहे?
2. अगर जेएनयू देशद्रोह कांड के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाना सही था, तो जेएनयू जाकर उनका समर्थन करने से लेकर अब तक उन लोगों को नैतिक, राजनीतिक और वैधानिक संरक्षण देने के जुर्म में आपको भी देशद्रोह के कठघरे में क्यों न खड़ा किया जाए?
3. अगर जेएनयू देशद्रोह कांड के आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाना सही नहीं था, तो एक साल से अधिक समय बाद अब क्यों मुकदमा चलाने की मंजूरी दे दी?
4. चाहे मुकदमा चलाना सही था या नहीं था, लेकिन इतने संवेदनशील मामले में फैसला लेने में एक साल से अधिक वक़्त क्यों लिया?
5. अगर तब मुकदमा चलाना आपको सही नहीं लगा और अब लगा, तो बताएं कि अब आपको उन देशद्रोह आरोपियों के खिलाफ कौन से ऐसे नए सबूत, इनपुट्स या जानकारियां मिली हैं, जिनके आधार पर आपने अब मुकदमा चलाना ज़रूरी समझा है?
6. जेएनयू देशद्रोह कांड के आरोपियों के बचाव के कारण जेएनयू की तर्ज पर जामिया और AMU समेत देश के कई विश्वविद्यालयों में जो हिंसक घटनाएं हुईं, उनके लिए आपकी नहीं तो किसकी जिम्मेदारी होगी?
7. क्या दिल्ली दंगों की साज़िश रचने में आम आदमी पार्टी के बुरी तरह से फंस जाने के कारण आपने फेस सेविंग की कवायद में जेएनयू देशद्रोह आरोपियों पर मुकदमे को मंजूरी दी है?
8. यदि हाँ, तो बताएं कि दिल्ली दंगा कराने के लिए आपने किन-किन देशविरोधी और साम्प्रदायिक ताकतों से समझौते किये थे?
9. क्या आपके पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से भी सम्बंध हैं?
10. यदि नहीं, तो क्या आपने ही ताहिर हुसैन को किसी बांग्लादेशी चरमपंथी गुट के साथ सांठ-गांठ करके यह दंगा कराने की जिम्मेदारी सौंपी थी, जैसा कि सुब्रमण्यम स्वामी ने ताहिर के बांग्लादेशी टेरर लिंक होने और इसी वजह से आईबी अफसर की हत्या करने का संदेह जताया है?
11. और यदि दिल्ली दंगों में आपका हाथ नहीं है, तो आपके दाहिने हाथ संजय सिंह बिना जांच बिना सबूत ताहिर हुसैन का बचाव क्यों कर रहे हैं?
12. अगर आप मानते हैं कि ताहिर हुसैन के खिलाफ कानून सम्मत कार्रवाई होनी चाहिए और संजय सिंह ने आपकी मर्जी के बगैर उसका पक्ष लिया है तो संजय सिंह के खिलाफ कब और क्या कार्रवाई करने वाले हैं?
13. और अगर आप मानते हैं कि संजय सिंह ने सही कहा है या निजी राय प्रकट की है, तो क्या आप पर्दे के पीछे अब भी ताहिर हुसैन को बचाने का खेल खेलेंगे?
14. दिल्ली दंगों में आम आदमी पार्टी नेता की स्पष्ट भूमिका पाए जाने के बाद ऐसा क्यों न माना जाए कि विधानसभा चुनाव से पहले भी जामिया इलाके में हिंदू नामधारियों से फायरिंग की घटनाएं आपने ही कराई थी, क्योंकि उन दो लोगों में से एक को आपकी पार्टी से ही जुड़ा हुआ पाया गया था?
15. आप देश को बदलने की राजनीति करने का वादा करके राजनीति में आए थे, फिर इतनी घिनौनी राजनीति कैसे करने लगे और आपकी पार्टी में दंगाइयों एवं अपराधियों का ऐसा बोलबाला कैसे हो गया?
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