दिल्ली के शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन के कारण दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली सड़क को खोलने को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा.
दिल्ली की शाहीन बाग में चल रहे धरना-प्रदर्शन को हटाने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के कारण 55 दिन से कालिंदी कुंज-शाहिन बाग का रास्ता बंद है.
इस वजह से स्थानीय लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में दिल्ली को नोएडा से जोड़ने वाली सड़क से होने वाली दिक्कत की बात कही गई है और रास्ते को खोले जाने की अपील की गई है.
शाहीन बाग इलाके के मतदान केंद्र संवेदनशील
इधर, 8 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भी शाहीन बाग का इलाका काफी संवेदनशील माना जा रहा है. यहां सीएए के खिलाफ चल रहे प्रदर्शन के मद्देनजर दिल्ली निर्वाचन आयोग ने इलाके में आने वाले सभी 5 मतदान केंद्रों को संवेदनशील श्रेणी में रखा है.
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) रणबीर सिंह ने कहा, 'शाहीन बाग में मौजूदा विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर हमने इलाके में सभी 5 मतदान केंद्रों को संवेदनशील श्रेणी में रखा है . इन 5 केंद्रों पर करीब 40 बूथ होंगे. इन सभी बूथ को संवेदनशील श्रेणी में रखा गया है.'
उन्होंने कहा कि मतदाताओं में विश्वास बढ़ाने के लिए सुरक्षा बल इलाके में मार्च और गश्त करेंगे. ओखला के शाहीन बाग इलाके में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ 15 दिसंबर से महिलाओं और बच्चों समेत सैकड़ों लोग धरने पर बैठे हैं.
उन्होंने कहा कि पुलिस बल और चुनाव कर्मी 'अतिरिक्त चौकसी' बरतेंगे और हर वक्त हालात की निगरानी करेंगे.
शाहीन बाग ओखला निर्वाचन क्षेत्र में आता है. राष्ट्रीय राजधानी में सीएए विरोधी प्रदर्शनों का यह केंद्र बना हुआ है और राजनीतिक दलों ने यहां के प्रदर्शन को चुनावी मुद्दा बना लिया है. दिल्ली में वोट डालने के लिए 1,47,86,382 योग्य मतदाता हैं . इसमें 2,32,815 लोग 18 से 19 वर्ष के हैं.
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