महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ताओं ने 50 से ज्यादा अवैध बांग्लादेशियों को पकड़कर पुलिस के हवाले किया. एमएनएस के इस कदम का बीजेपी ने स्वागत किया. सवाल उठने लगे है कि क्या बीजेपी और एमएनएस का गठबंधन होगा.
मुंबई: राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के कार्यकर्ता मुंबई में अवैध पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमानों की धरपकड़ कर रहे हैं. एमएनएस कार्यकर्ताओं ने मुंबई के डीबी मार्ग, बोरिवली, दहिसर, ठाणे और विरार से 50 से ज्यादा बांग्लादेशियों को पकड़ कर पुलिस के हवाले किया. बीजेपी ने एमएनएस के इस कदम का राष्ट्रहित के नाम पर स्वागत किया. राष्ट्रहित के नाम पर की जा रही इस कार्रवाई से सवाल उठने लगे हैं कि क्या बीजेपी और एमएनएस एक नए राजनीतिक समीकरण को जन्म देगी.
अपनी पार्टी का चेहरा बदलकर हिंदुत्व की राह पर चले राज ठाकरे ने 9 फरवरी को मुंबई में महारैली का आयोजन किया था. मुंबई के मरीन ड्राइव स्थित हिंदु जिमखाना से आज़ाद मैदान तक निकाली जाने वाली रैली का प्रमुख मुद्दा गैरकानूनी तरीके से भारत में रह रहे पाकिस्तानी और बांग्लादेशी मुसलमानों को देश के बाहर निकालना था. राज ठाकरे ने राष्ट्रहित की बात करते हुए इन घुसपैठियों को राष्ट्र के लिए खतरा बताया और धमकी दे डाली कि हम आंदोलन का जवाब आंदोलन से, पत्थर का जवाब पत्थर से और तलवार का जवाब तलवार से दिया जाएगा.
राज ठाकरे ने 23 जनवरी को अपने भाषण में कहा था, ‘अगर एनआरसी से पाकिस्तानी और बांग्लादेशी घुसपैठिए देश के बाहर निकाले जाएंगे तो मेरा उसे समर्थन है.’ राज ठाकरे ने बता दिया कि उनकी बीजेपी से नज़दीकियां बढ़ रही हैं. क्या भविष्य में ये नजदीकियां गठबंधन में बदलेंगी, सूत्र बताते हैं कि उस दिशा में काम जारी है.
शिवसेना ने एमएनएस पर बीजेपी की B-टीम होने का आरोप लगाया. इस पर एमएनएस नेता संदीप देशपांडे ने कहा, ''शिवसेना हम पर आरोप कर रही कि बीजेपी हमें बड़ा कर रही है. जो खुद एनसीपी की बी टीम बन गई हैं उन्हें हमें सिखाने की जरुरत नहीं. लोग प्रभु राम के दर्शन के लिए अयोध्या जाते हैं. हमारे तो मन में राम हैं. हम उनका यहां के राम मंदिर में दर्शन लेकर रैली में जाएंगे.’
23 जनवरी को अपने पार्टी के पहले अधिवेशन में राज ठाकरे ने स्पष्ट कर दिया कि उनकी पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना का इंजन अब हिंदुत्व के ट्रैक पर दौड़ेगा. राज ठाकरे ने अपनी पार्टी के नए झंडे के अनावरण करके पार्टी की नई दिशा और विचारधारा के साफ संकेत दिए. अपनी पार्टी के पुराने झंडे के तीन रंगों को बदलते हुए राज ठाकरे ने अपने पार्टी के नए झंडे में केवल एक रंग भगवा रखा. यानी राज ठाकरे अब अपने चाचा बाला साहेब ठाकरे की ही तरह मराठी के मुद्दे को लेकर हिंदुत्व का झंडा हाथ में लेने जा रहे हैं.
अपनी पार्टी के पहले अधिवेशन के लिए राज ठाकरे ने अपने चाचा बाला साहेब ठाकरे के जन्मदिन का दिन चुना. इस दिन राज ठाकरे सबसे पार्टी के भगवे झंडे का अनावरण करते हुए अपने चाचा को ही याद किया. राज ठाकरे ने कहा, ‘मैं बाला साहेब ठाकरे को अभिवादन करके अपनी पार्टी के नए भगवा झंडे का अनावरण करता हूं.’ इन शब्दों के साथ राज ठाकरे ने अपनी पार्टी को नई दिशा और नए विचार दिए. राज ठाकरे के नए झंडे में भगवा रंग के साथ साथ छत्रपति शिवाजी महाराज के स्वराज्य की राजमुद्रा भी है. यानी राज ठाकरे महाराष्ट्र धर्म को निभाते हुए हिंदुत्व के धर्म को स्वीकार कर अपनी आगे की राजनीति करने जा रहे हैं..
राज ठाकरे की आगे की राह कैसे होगी ये देखना दिलचस्प होगा. लेकिन उनकी पार्टी के बदलते चहरे ने राज्य की राजनीति बदलने की शुरुआत कुछ हद तक कर दी है. चर्चा शुरू हो गई है कि क्या राज्य में बीजेपी-एमएनएस एक साथ आएगी. बीजेपी पहले ही साफ़ कर चुकी है कि अगर राज ठाकरे अपने विचार बदलते हैं तो सोचा जा सकता है. राजनीतिक जानकार भी यही मानते हैं कि बीजेपी एमएनएस दोनों को एक दूसरे के साथ चाहिए. बीजेपी को शिवसेना का रिप्लेसमेंट एक मराठी मुद्दे वाला चेहरा चाहिए, वहीं राज ठाकरे को राजनीतिक अस्तित्व बचाने के लिए बड़ी पार्टी का साथ चाहिए.
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