कोर्ट की सुनवाई के बाद बोलीं निर्भया की मां- आज अदालत के पास ताकत है और हमारे पास समय


                     
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में नया डेथ वारंट जारी करने से इनकार कर दिया है। ऐसे में निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आज अदालत के पास ताकत है और हमारे पास समय। कुछ भी विचारधीन नहीं है फिर भी डेथ वारंट जारी नहीं किया गया है। ये हमारे साथ अन्याय है। मैं देखती हूं कि अदालत दोषियों को कब तक समय देती है और सरकार इसका समर्थन करती है।

गौरतलब है कि कोर्ट ने अभियोजन पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया है] जिसमें चारों दोषियों के खिलाफ फांसी की नई तारीख जारी करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने दिल्ली हाईकोर्ट के गत पांच फरवरी के आदेश पर गौर किया, जिसमें फांसी की सजा का सामना कर रहे चारों दोषियों को एक सप्ताह के भीतर कानूनी उपायों का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी। अदालत ने कहा कि दोषियों को फांसी देना अनैतिक होगा, जब कानून उन्हें जीने की अनुमति देता है।

निर्भया गैंगरेप केस: पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी करने से किया इनकार, कोर्ट ने कहा- फांसी देना अनैतिक होगा
निर्भया गैंगरेप केस: पटियाला हाउस कोर्ट ने नया डेथ वारंट जारी करने से किया इनकार, कोर्ट ने कहा- फांसी देना अनैतिक होगा

वहीं सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में शुक्रवार को कहा कि वह दिल्ली हाईकोर्ट के एक फैसले को चुनौती देने वाली केंद्र की याचिका पर 11 फरवरी को सुनवाई करेगा। हाईकोर्ट ने चार दोषियों की फांसी पर रोक लगाने के खिलाफ दायर केंद्र की याचिका को खारिज कर दिया गया था। न्यायमूर्ति आर भानुमति की अगुवाई वाली पीठ ने सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता के इस आग्रह को स्वीकार नहीं किया कि केंद्र की याचिका पर चारों दोषियों को नोटिस जारी की जाए।

पीठ ने मेहता को बताया कि वह 11 फरवरी को उनको सुनेगी और विचार करेगी कि दोषियों को नोटिस जारी करने की जरूरत है या नहीं। इस पीठ में न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना भी शामिल थे। सुनवाई की शुरुआत में मेहता ने अदालत को बताया कि मामले में राष्ट्र के धैर्य की परीक्षा ली जा रही है और पीठ को इस मुद्दे पर कानून बनाना होगा।

निचली अदालत ने मामले में चारों दोषियों मुकेश कुमार सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय कुमार शर्मा (26) और अक्षय कुमार (31) की फांसी पर अगले आदेशों तक 31 जनवरी को रोक लगा दी थी। अपनी याचिका में तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने कहा कि राष्ट्रपति पहले ही तीन दोषियों की दया याचिकाओं को खारिज कर चुके है और इस समय चारों में से किसी का भी आवेदन किसी भी अदालत के समक्ष लंबित नहीं है। पवन ने अब तक सुधारात्मक याचिका दायर नहीं की है। पवन के पास दया याचिका दाखिल करने का भी विकल्प है।

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