नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में विधानसभा चुनाव ख़तम होते ही आम आदमी को बड़ा झटका लगने वाला है। दरअसल दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) की स्टैंडिग कमेटी ने शुक्रवार को अपने अधिकार क्षेत्र के तहत 50 हजार रुपये और उससे ज्यादा की मासिक सकल आय के साथ हर किसी पर एक प्रोफेशनल टैक्स लगाने का फैसला लिया है, साथ ही बिजली टैक्स पर भी 1 प्रतिशत बढोतरी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है। गौरतलब है कि साउथ दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में रहने वाले लोगों से फिलहाल 5 प्रतिशत बिजली कर वसूला जाता है। लेकिन अब उन्हें 5 की जगह 6 प्रतिशत टैक्स देना पड़ सकता है।
वित्तीय भार को कम करने के लिए लिया गया फैसला-
जानकारी के मुताबिक कुछ ही दिनों में बिजली के बिलों पर यह कर लागू होगा। निगम के वित्तीय भार को कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि दिल्ली में उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त दिए जाने का फैसला केजरीवाल सरकार ने कुछ ही महीने पहले लागू किया था। केजरीवाल का ये फैसला खूब चर्चा में बना हुआ था। विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद एसडीएमसी द्वारा बिजली पर एक फीसदी टैक्स बढ़ाए जाने से इसका असर लोगों के बिजली बिल पर पड़ेगा।
व्यापारी टैक्स के दायरे से रहेंगे बाहर
दूसरी ओर साउथ दिल्ली में 50 हजार रुपये तक की सकल आया वाले वाले लोगों को अब पेशा कर यानी प्रोफेशनल टैक्स के रुप में सालाना 1800 रुपये या 150 रुपये का भुगतान करना होगा, 50 हजार रुपये से ज्यादा की आय वालों को 2400 रुपये सलाना या 200 रुपये मासिक शुल्क देना होगा, भले ही वो व्यक्ति एसडीएमसी के क्षेत्र में नहीं रहता हो, लेकिन अगर वो वहां काम करता है, तो भी टैक्स भी देना पड़ेगा, जबकि व्यापारी इस टैक्स के दायरे से बाहर रहेंगे।
वित्तीय भार को कम करने के लिए लिया गया फैसला-
जानकारी के मुताबिक कुछ ही दिनों में बिजली के बिलों पर यह कर लागू होगा। निगम के वित्तीय भार को कम करने के लिए यह फैसला लिया गया है। आपको बता दें कि दिल्ली में उपभोक्ताओं को 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त दिए जाने का फैसला केजरीवाल सरकार ने कुछ ही महीने पहले लागू किया था। केजरीवाल का ये फैसला खूब चर्चा में बना हुआ था। विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद एसडीएमसी द्वारा बिजली पर एक फीसदी टैक्स बढ़ाए जाने से इसका असर लोगों के बिजली बिल पर पड़ेगा।
व्यापारी टैक्स के दायरे से रहेंगे बाहर
दूसरी ओर साउथ दिल्ली में 50 हजार रुपये तक की सकल आया वाले वाले लोगों को अब पेशा कर यानी प्रोफेशनल टैक्स के रुप में सालाना 1800 रुपये या 150 रुपये का भुगतान करना होगा, 50 हजार रुपये से ज्यादा की आय वालों को 2400 रुपये सलाना या 200 रुपये मासिक शुल्क देना होगा, भले ही वो व्यक्ति एसडीएमसी के क्षेत्र में नहीं रहता हो, लेकिन अगर वो वहां काम करता है, तो भी टैक्स भी देना पड़ेगा, जबकि व्यापारी इस टैक्स के दायरे से बाहर रहेंगे।
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