योगी अदित्यनाथ ने CAA के विरोध में हिंसक प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ एक्शन लेकर और उनसे ही वसूली कर उपद्रवियों से निपटने का एक नया ट्रेंड शुरू किया। उनके इसी एक्शन के बाद लेफ्ट लिबरल गैंग उनके खिलाफ फेक न्यूज़ फैला कर तथा कई तरह के आरोप लगा कर उन्हें बदनाम करने की भरपूर कोशिश करता नजर आया। परंतु उन्होंने और UP पुलिस ने इन सभी से निपटते हुए सभी झूठी खबरों का पर्दाफाश किया। अब जब विधान सभा सत्र शुरू हुआ है तो उन्होंने सपा और बसपा को निशाने पर लिया है और उपद्रवियों के साथ उनके सांठगांठ पर लताड़ लगाई है।
उन्होंने कहा कि रामभक्तों पर गोली चलाने और देशद्रोहियों व उपद्रवियों की पैरवी करने वालों को सवाल पूछने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग संविधान की दुहाई देते हैं, वही उसको तार-तार कर रहे है। संवैधानिक प्रमुख पर कागज के गोले फेंकने को बहादुरी समझा जाता है। जिन्होंने इसी सदन में विधायकों को चोटिल किया, वे विधायकों के सम्मान की बात करते हैं। तंदूर कांड जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले महिला सशक्तीकरण की दुहाई देते हैं।
राज्य की विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उन्होंने पुलिस की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन हिंसक प्रदर्शनों के दौरान पुलिस ने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उसके लिए उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा
“सीएए के खिलाफ उपद्रव के दौरान पुलिस की गोली से कोई नहीं मरा। जो मरे हैं, वे उपद्रवियों की गोली से ही मरे हैं। इस वजह से पुलिस को दोषी नहीं बताया जा सकता है।” योगी ने विपक्ष को कहा कि ”एक बड़े षड्यंत्र का पर्दाफाश हुआ है। पीएफआई, सिमी जैसे संगठन का परिवर्तित नाम है। इन उपद्रवियों के साथ किसी प्रकार की सहानुभूति का मतलब पीएफआई और सिमी जैसे संगठनों का समर्थन है।”
उन्होंने राम जन्म भूमि पर भी बयान देते समय समाजवादी पार्टी को लताड़ा। उन्होंने कहा कि, ‘राज्यपाल के अभिभाषण से अयोध्या में दबी भावनाओं को मंच मिला है। नौ नवंबर 2019 को साबित हुआ कि परिंदा भी कानून व्यवस्था में पर नहीं मार सकता। अयोध्या फैसले से सिद्ध हुआ कि गोली चलाने वाले ही गलत थे। रामराज कोई धार्मिक कार्य नहीं वरन सुशासन है। हम इसके लिए प्रयासरत हैं। सिर पर टोपी पहनने से धर्म नहीं हो जाता।’
समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अयोध्या में राम भक्तों पर गोलियां चलवाकर अयोध्या की मान्यता को दूषित करने का प्रयास किया वो आज हमसे उपद्रवियों पर होने वाली कार्रवाई का जवाब मांग रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ‘‘अब तक तो मैं सोचता था कि अपराधी भी अपने पुत्र-पुत्रियों को अपराधी नहीं बनाना चाहते हैं। मगर यहां कुछ नेता अपने पुत्र-पुत्रियों को देश विरोधी नारे लगाने वालों के बीच भेजते हैं। आप किस तरफ ले जा रहे हैं? आपको तय करना होगा। आपको बापू के सपने को साकार करना है कि जिन्ना के सपने को?’’ बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की बेटी सीएए के खिलाफ लखनऊ के घंटाघर इलाके में पिछले एक महीने से जारी अनिश्चितकालीन प्रदर्शन के दौरान देखी गयी थी।
यही नहीं उन्होंने मुलायम सिंह यादव पर भी बिना नाम लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि:-
"एक समय था जब बालिकाओं पर निर्मम कृत्य होते थे तो बच्चों से गलती होने की बात कहते हुए टाल दिया जाता था, वही लोग अब महिला सुरक्षा की बात कर रहे हैं।"
बता दें कि वर्ष 2014 में मुलायम ने रेप पर बयान दिया था कि लड़कों से गलती हो जाती है!
समाजवादी पार्टी के राज्य में गुंडाराज को एक्सपोज करते हुए बजट के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस हालत में हमें प्रदेश मिला था, उसी पर रहते तो आज कटोरा लेकर सड़क पर होते। योगी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि देश को रामराज चाहिए समाजवाद नहीं, क्योंकि समाजवाद का अमानवीय चेहरा दुनिया देख चुकी है।
उन्होंने कहा कि रामभक्तों पर गोली चलाने और देशद्रोहियों व उपद्रवियों की पैरवी करने वालों को सवाल पूछने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि जो लोग संविधान की दुहाई देते हैं, वही उसको तार-तार कर रहे है। संवैधानिक प्रमुख पर कागज के गोले फेंकने को बहादुरी समझा जाता है। जिन्होंने इसी सदन में विधायकों को चोटिल किया, वे विधायकों के सम्मान की बात करते हैं। तंदूर कांड जैसी घटनाओं को अंजाम देने वाले महिला सशक्तीकरण की दुहाई देते हैं।
राज्य की विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान उन्होंने पुलिस की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन हिंसक प्रदर्शनों के दौरान पुलिस ने बेहद महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उसके लिए उनकी प्रशंसा की जानी चाहिए। उन्होंने कहा
“सीएए के खिलाफ उपद्रव के दौरान पुलिस की गोली से कोई नहीं मरा। जो मरे हैं, वे उपद्रवियों की गोली से ही मरे हैं। इस वजह से पुलिस को दोषी नहीं बताया जा सकता है।” योगी ने विपक्ष को कहा कि ”एक बड़े षड्यंत्र का पर्दाफाश हुआ है। पीएफआई, सिमी जैसे संगठन का परिवर्तित नाम है। इन उपद्रवियों के साथ किसी प्रकार की सहानुभूति का मतलब पीएफआई और सिमी जैसे संगठनों का समर्थन है।”
उन्होंने राम जन्म भूमि पर भी बयान देते समय समाजवादी पार्टी को लताड़ा। उन्होंने कहा कि, ‘राज्यपाल के अभिभाषण से अयोध्या में दबी भावनाओं को मंच मिला है। नौ नवंबर 2019 को साबित हुआ कि परिंदा भी कानून व्यवस्था में पर नहीं मार सकता। अयोध्या फैसले से सिद्ध हुआ कि गोली चलाने वाले ही गलत थे। रामराज कोई धार्मिक कार्य नहीं वरन सुशासन है। हम इसके लिए प्रयासरत हैं। सिर पर टोपी पहनने से धर्म नहीं हो जाता।’
समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने अयोध्या में राम भक्तों पर गोलियां चलवाकर अयोध्या की मान्यता को दूषित करने का प्रयास किया वो आज हमसे उपद्रवियों पर होने वाली कार्रवाई का जवाब मांग रहे हैं।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा, ‘‘अब तक तो मैं सोचता था कि अपराधी भी अपने पुत्र-पुत्रियों को अपराधी नहीं बनाना चाहते हैं। मगर यहां कुछ नेता अपने पुत्र-पुत्रियों को देश विरोधी नारे लगाने वालों के बीच भेजते हैं। आप किस तरफ ले जा रहे हैं? आपको तय करना होगा। आपको बापू के सपने को साकार करना है कि जिन्ना के सपने को?’’ बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की बेटी सीएए के खिलाफ लखनऊ के घंटाघर इलाके में पिछले एक महीने से जारी अनिश्चितकालीन प्रदर्शन के दौरान देखी गयी थी।
यही नहीं उन्होंने मुलायम सिंह यादव पर भी बिना नाम लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि:-
"एक समय था जब बालिकाओं पर निर्मम कृत्य होते थे तो बच्चों से गलती होने की बात कहते हुए टाल दिया जाता था, वही लोग अब महिला सुरक्षा की बात कर रहे हैं।"
बता दें कि वर्ष 2014 में मुलायम ने रेप पर बयान दिया था कि लड़कों से गलती हो जाती है!
समाजवादी पार्टी के राज्य में गुंडाराज को एक्सपोज करते हुए बजट के बाद आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अखिलेश यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि जिस हालत में हमें प्रदेश मिला था, उसी पर रहते तो आज कटोरा लेकर सड़क पर होते। योगी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि देश को रामराज चाहिए समाजवाद नहीं, क्योंकि समाजवाद का अमानवीय चेहरा दुनिया देख चुकी है।
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