सीएए के विरोध में धरने का चेहरा बने तो लगेगा रासुका, उपद्रवियों को पनाह देने पर भी होगी कार्रवाई


उत्तर प्रदेश के कानपुर स्थित मोहम्मद अली पार्क, चमनगंज और बाबूपुरवा फूल पार्क में सीएए के खिलाफ महीने भर से चल रहे धरने को खत्म कराने के लिए पुलिस हर सख्त कदम उठाने को तैयार है।
शुक्रवार को डीआईजी अनंत देव ने दो टूक कहा कि 80 लोगों को नोटिस, 200 लोगों को पाबंद करने के बाद भी धरना खत्म न हुआ तो पुलिस देशद्रोह की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कर उनकी गिरफ्तारी करेगी।

धरने का चेहरा बने और उपद्रवियों को पनाह देने के आरोपियों पर रासुका के तहत कार्रवाई होगी। डीआईजी ने कहा कि मोहम्मद अली पार्क और फूल पार्क में धरने को बाहर से लोग आकर समर्थन करके उकसा रहे हैं।
जहां पुरुषों की एन्ट्री बंद है वहां राजनीतिक पार्टियों की सभा कराई जा रही है।  धरने में आजादी के अलावा देश विरोधी नारेबाजी की जा रही है। लोग प्रदर्शन की आड़ में हिंसा का प्रयास कर रहे हैं।

ऐसे में प्रशासन अब धरने का समर्थन करने वाले, फंडिंग करने वाले और पर्दे के पीछे खड़े होने वालों पर राष्ट्रद्रोह की धारा में कार्रवाई करेगा। इसके अलावा हिंसा में फरार उपद्रवियों को पनाह देने वालों पर भी रासुका के तहत कार्रवाई कर जेल भेजा जाएगा।
आधा दर्जन महिलाओं को किया गया चिह्नित
डीआईजी ने बताया कि गुरुवार को सीओ कलक्टरगंज श्वेता यादव, सीओ नजीराबाद गीतांजलि और एसडीएम लवि त्रिपाठी धरने में बैठी महिलाओं से धरना समाप्त करने का आग्रह लेकर गईं थीं। सीओ ने जब धरने पर बैठीं महिलाओं से सीएए और एनआरसी के बारे में पूछताछ की तो सब चुप हो गईं।

महज धरने का प्रतिनिधित्व कर रही 5-6 महिलाएं ही नागरिकता संशोधन कानून के बारे में आधी अधूरी बात बता सकीं। उन महिलाओं को चिह्नित किया गया है जो महिलाओं को भड़काने का काम कर रही हैं। धरने पर बैठी महिलाएं ज्यादातर ग्वालटोली और कर्नलगंज की थीं। एक टीम को बाबूपरवा के फूल पार्क में भी भेजा गया। पुलिस चिह्नित महिलाओं से जुड़े अन्य लोगों की भी तलाश कर रही है।

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