‘भारत माता की जय’, क्या नारा आपको कहीं से भी उग्र नज़र आता है? या क्या आपको लगता है कि इस नारे के माध्यम से देश में उग्रवाद फैलाया जा रहा है? आपको शायद ऐसा ना लगे लेकिन देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को आजकल यही लगने लगा है।
कल यानि शनिवार को मनमोहन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर लिखी गई किताब की लॉन्चिंग के मौके पर यह बेतुका दावा किया। उन्होंने कहा कि
“भारत माता की जय के नारे का इस्तेमाल कर भारत के बारे में भावनात्मक और उग्रवाद का विचार पैदा किया जा रहा है। ऐसा करने से देश के नागरिक अलग-अलग हो जाएंगे”।
पुस्तक के विमोचन पर जहां एक तरफ मनमोहन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू के तारीफ़ों की पुलिंदे बांधे, तो वहीं मौजूदा मोदी सरकार पर जमकर वार भी किया। लेकिन अपनी इस कोशिश में वे ‘भारत मात की जय’ पर विवाद खड़ा कर गए। सिंह ने कहा, “ऐसे समय में इस पुस्तक की खास प्रासंगिकता है जब राष्ट्रवाद और भारत माता की जय के नारे का भारत के उग्रवादी एवं विशुद्ध भावनात्मक विचार के निर्माण के लिए दुरूपयोग किया जा रहा है, एक ऐसा विचार जिसमें लाखों बाशिंदे और नागरिक शामिल नहीं हैं”।
मनमोहन सिंह को देश उनके अर्थव्यवस्था के ज्ञान और उनके राज में हुए असंख्य भ्रष्टाचारों के मामलों को लेकर ही याद रखता है। मनमोहन सिंह का व्यक्तिगत तौर पर विवादों से साथ नाता तो कम ही रहा है, लेकिन उनके शासन काल में UPA-2 के समय कांग्रेस के मंत्रियों ने हिन्दू विरोधी बयान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
उस वक्त कांग्रेस हिंदुओं पर हमला बोल मुस्लिमों की तुष्टीकरण की राजनीति करती थी, तो अब कांग्रेस का सबसे बड़ा टार्गेट भाजपा का राष्ट्रवाद है। कांग्रेस पिछले कुछ समय से लगातार भाजपा के राष्ट्रवाद पर हमला करती आ रही है और इस बार भी मनमोहन सिंह ने ऐसा ही करने की कोशिश की।
राष्ट्रवाद पर हमला करने से ही आज कांग्रेस का यह हाल हुआ है कि केंद्रीय राजनीति में वह अप्रासंगिक हो चुकी है। कांग्रेस को पिछले वर्ष के लोकसभा चुनावों में भयंकर हार का सामना करना पड़ा था, और उस वक्त कांग्रेस का पूरा चुनाव प्रचार भाजपा के राष्ट्रवाद पर हमला करने पर ही केन्द्रित था।
लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आज भी इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं कि जनता ने अब राष्ट्रवाद विरोधी राजनीति को नकार दिया है। दिल्ली में भी हमें यही देखने को मिला, जब केजरीवाल ने सॉफ्ट हिन्दुत्व के रथ पर सवार होकर दिल्ली में जीत का पताका फहराया और कांग्रेस का खाता तक न खुल सका। लेकिन मनमोहन सिंह का हाल ही का बयान दिखाता है कि कांग्रेस ने अभी भी अपनी हार से कुछ नहीं सीखा है।
कल यानि शनिवार को मनमोहन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर लिखी गई किताब की लॉन्चिंग के मौके पर यह बेतुका दावा किया। उन्होंने कहा कि
“भारत माता की जय के नारे का इस्तेमाल कर भारत के बारे में भावनात्मक और उग्रवाद का विचार पैदा किया जा रहा है। ऐसा करने से देश के नागरिक अलग-अलग हो जाएंगे”।
पुस्तक के विमोचन पर जहां एक तरफ मनमोहन सिंह ने पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू के तारीफ़ों की पुलिंदे बांधे, तो वहीं मौजूदा मोदी सरकार पर जमकर वार भी किया। लेकिन अपनी इस कोशिश में वे ‘भारत मात की जय’ पर विवाद खड़ा कर गए। सिंह ने कहा, “ऐसे समय में इस पुस्तक की खास प्रासंगिकता है जब राष्ट्रवाद और भारत माता की जय के नारे का भारत के उग्रवादी एवं विशुद्ध भावनात्मक विचार के निर्माण के लिए दुरूपयोग किया जा रहा है, एक ऐसा विचार जिसमें लाखों बाशिंदे और नागरिक शामिल नहीं हैं”।
मनमोहन सिंह को देश उनके अर्थव्यवस्था के ज्ञान और उनके राज में हुए असंख्य भ्रष्टाचारों के मामलों को लेकर ही याद रखता है। मनमोहन सिंह का व्यक्तिगत तौर पर विवादों से साथ नाता तो कम ही रहा है, लेकिन उनके शासन काल में UPA-2 के समय कांग्रेस के मंत्रियों ने हिन्दू विरोधी बयान देने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
उस वक्त कांग्रेस हिंदुओं पर हमला बोल मुस्लिमों की तुष्टीकरण की राजनीति करती थी, तो अब कांग्रेस का सबसे बड़ा टार्गेट भाजपा का राष्ट्रवाद है। कांग्रेस पिछले कुछ समय से लगातार भाजपा के राष्ट्रवाद पर हमला करती आ रही है और इस बार भी मनमोहन सिंह ने ऐसा ही करने की कोशिश की।
राष्ट्रवाद पर हमला करने से ही आज कांग्रेस का यह हाल हुआ है कि केंद्रीय राजनीति में वह अप्रासंगिक हो चुकी है। कांग्रेस को पिछले वर्ष के लोकसभा चुनावों में भयंकर हार का सामना करना पड़ा था, और उस वक्त कांग्रेस का पूरा चुनाव प्रचार भाजपा के राष्ट्रवाद पर हमला करने पर ही केन्द्रित था।
लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आज भी इस बात को मानने को तैयार नहीं हैं कि जनता ने अब राष्ट्रवाद विरोधी राजनीति को नकार दिया है। दिल्ली में भी हमें यही देखने को मिला, जब केजरीवाल ने सॉफ्ट हिन्दुत्व के रथ पर सवार होकर दिल्ली में जीत का पताका फहराया और कांग्रेस का खाता तक न खुल सका। लेकिन मनमोहन सिंह का हाल ही का बयान दिखाता है कि कांग्रेस ने अभी भी अपनी हार से कुछ नहीं सीखा है।
मुस्लिम सोच के साथ ही आजादी मिली၊ अब वेशर्म कन्ग्रेस उजागर हो गई ၊
ReplyDeleteHe is also one of the India's so called Intellectuals who had mortgaged both his intellect and mind to the Jehaadi lobby controlled by his Godmother Mrs Sonia Gandhi.Poor Manmortagaged Singh!
ReplyDeleteईस देश की आजादी को आज तक कांग्रेस और गांधी और नेहरू रूपी कैंसर ने अपने घातक चपेट में ले रखा है। नहीं भारत आज आजाद हैं और नहीं भारत को
ReplyDeleteआज तक आजादी हासिल हुई है। भारत की सार्वभौमिकता और अस्तित्व और अस्मिता आज भी संभाल के घेरे में है।अखंड भारत तो रहा नहीं। कांग्रेस और नेहरू और गांधी
इन तीनों देश द्रोहियों के कारण भी हमारे देश के कई टुकड़े हुए हैं और इन तीनों गद्दारौ के कारण आज भी भारत मुस्लिम और ईसाई आक़ान्ताओं के प़त्यक्ष और अप़त्यक्ष आक़मण को झेलने को विवश हैं। आज भी इटालियन लेडी जिसको भारत से और भारतीयता से कोई मतलब नहीं है वो इस प्रकार से भीतरघात कर भारत की सार्वभौमिकता को चुनौती दे रही है उसको ये चाटुकार कांग्रेसियों को समझ नहीं आ रहा है। दुःख तो ईस बात का है कि सोनिया ऐसे गद्दारिन हमारे देश के भवतव्य पर कुठाराघात बड़ी ही सिद्दत के साथ कर रही है और ये जयचंदौ के औलाद कांग्रेसी को इसका प़तिकार करने की वजाय उसकी तलबे चाट रहा है।
कोंग्रेस ने अभी तक जो मीठा जहर हिंदुस्तान को दिया है उस जहर से बहुत लोग तो निकल चुके है लेकिन बहुत से ऐसे मूर्ख लोग पड़े है जिन्हें उस जहर का एहसास अभी भी नही है ,लेकिन जब तक उन्हें उस जहर का एहसास होगा तबतक उनका सर्वनाश कर चुकी होगी कोंग्रेस ,आज जिस तरह कांग्रेस हिन्दुओ के विरोध में खुल कर सामने आई है उस तरह से तो सभी हिन्दुओ को समझ मे आ जाना चाहिए ,की कोंग्रेस हिन्दुओ को मिटाने के लिए ही हिंदुस्तान में अपनी जड़ें मजबूत कर के बैठी है,
ReplyDeleteलेकिन कुछ चाटुकार जिन्हें हिन्दू और हिंदुस्तान को समझने में कोई रुची नही है, (वह भी हिन्दू ही है) ।
अब चाहे उस हिन्दू का बिनाश ही क्यों न हो जाय लेकिन कांग्रेस को ही अपना पिता मानकर वो उसी विनाशक रास्ते पर चलने को तैयार है जिस पर उसका बिनास पक्का है ,
ये मनमोहन सिंह भी उसी रास्ते पर चल कर पूरे बिस्व में अपनी पजिहत करवा रहे है ,
ये तो सभी जानते थे कि मनमोहन सिंह एक काबिल इकनॉमिक्स है भारत को आगे लेजाने में इनकी बहुत बड़ी भूमिका हो सकती है, लेकिन आज सबको ये मालूम हो चुका है कि देश बर्बाद करने में मनमोहन सिंह नेहरू परिवार के कंधे से कंधा मिला कर चल रहे है ,हमे आज उन्हें भूतपूर्व प्रधान मंत्री बोलने में भी शर्म आती है ,
चलिए हिंदुस्तान पर ईश्वर की कृपा हुई और एक जांबाज सिपाही को हिन्दुओ के हिंदुस्तान की रक्षा करने के लिए भेज दिए जिसका नाम आज पूरा विश्व बहुत ही इज्जत से लेता है उस व्यक्तित्व का नाम श्री नरेन्द्र दामोदर दास मोदी है ।
जब मोदी हैं तो डरना नहीं सब ठीक कर देंगे मोदी जी सबको अपने करनी का फल भुगतना पड़ेगा जो लोग हिंदुस्तान को लूट कर बैठे है उन्हें मरने से पहले ही लूट का माल मोदी जी को यानी भारत माता को सौप के मरणा होगा बरना बहुत ही भयंकर परिणाम भुगतने होंगे ,ना मानो तो देख लो काले सम्राज्य का राजा आज काहा है अरे लालू को कह रहा हूँ ।।
जय जय श्री राम ।