आतंकवाद के काले इतिहास में दर्ज हो जाता हिंदुओं का नाम.. भगवा को आतंक बताने वालों ने तैयारी कर रखी थी कसाब को हिंदू घोषित करने की

सनातन विरोधी ताकतों द्वारा भगवा को आतंक से जोड़ने की नापाक कोशिशें लंबे समय से होती रही हैं. यहां तक कि देश की सबसे पुरानी तथा आजादी के बाद से सबसे अधिक समय तक देश पर शासन करने वाली कांग्रेस पार्टी तक ने हिन्दुओं को भगवा से आतंक से जोड़ने की तमाम कोशिशें की लेकिन हर बार वह असफल रहे. ऐसी ही एक कोशिश की गई थी 26/11 मुंबई आतंकी हमले के बाद जब हमला करने वाले आतंकियों को हिन्दू बताने की कोशिश की गई थी.

आपको बता दें कि 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मुकदमे की कोर्ट में पैरवी करने वाले विशेष सरकारी वकील उज्ज्वल निकम ने कहा है कि जहां तक 26/11 मुंबई हमले की बात है, हमने अदालत के सामने 10 आईडी कार्ड पेश किए थे जो फर्जी थे. उनमें से एक कसाब और 9 अन्य आरोपियों के कार्ड थे. यह सच है कि उन आईडी कार्ड पर हिंदू नाम लिखे थे. उज्ज्वल निकम ने कहा है कि 19.02.08 को कसाब ने मुंबई की अदालत में बयान दिया, जिसमें साबित हुआ कि 10 आरोपियों के पास 10 फर्जी आईडी थे.

कसाब ने कहा था कि काफा, जिसने उसे सैन्य प्रशिक्षण दिया था, ने बताया था कि उन्हें 10 फर्जी आईडी दिए जाएंगे. कसाब ने कहा था कि फर्जी कार्ड का इस्तेमाल पुलिस को बहकाने के लिए किया गया और हमने इसे साबित भी किया है. बता दें, मुंबई हमले में 10 आतंकवादियों में से नौ मारे गए थे और कसाब को जिंदा गिरफ्तार किया गया था. हमलावर अजमल कसाब की गिरफ्तारी भारत के लिए काफी अहम साबित हुई, जिसने कई सनसनीखेज खुलासे किए.

अमर बलिदानी तुकाराम ने अपनी जान पर खेलकर आतंकी कसाब को गिरफ्तार किया था. इस दौरान तुकाराम जी बलिदान हो गये थे लेकिन वह कसाब को जिंदा पकड़ने में कामयाब हो गये थे. जिस तरह से मुंबई आतंकी हमले को लेकर अब खुलासे हो रहे हैं, उससे ये बात साबित होती है कि अगर कसाब ज़िंदा न पकड़ा गया होता तो मुंबई हमले का जिम्मेदार हिन्दुओं को ठहराया जाता. तथा हिन्दुओं पर आतंकी होने का वो ठप्पा लगता जो कभी नहीं छूटता.

उज्ज्वल निकम का यह बयान मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर राकेश मारिया के उस दावे के बाद आया है जिसमें कहा है कि लश्कर-ए-तैयबा ने 26/11 के मुंबई आतंकी हमले को ‘हिंदू आतंक’ साबित करने और पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल कसाब को बेंगलुरु के समीर चौधरी के रूप में मरने के लिए प्रोजेक्ट करने की योजना बनाई थी. मारिया ने अपनी आत्मकथा ‘Let Me Say It Now’ में, 26/11 के मुंबई आतंकी हमले में खुद की ओर से की गई जांच का जिक्र किया है.

26/11 आतंकी हमले को ‘हिंदू आतंकवाद’ के रूप में पेश करने की लश्कर की योजना का जिक्र करते हुए पूर्व कमिश्नर मारिया ने अपनी किताब में लिखा है कि यदि सब कुछ योजना के अनुसार होता, तो कसाब समीर चौधरी के रूप में मारा जाता और मीडिया की ओर से इस हमले के लिए ‘हिंदू आतंकवादियों’ को दोषी ठहराया जाता. उन्होंने अपनी किताब में यह भी उल्लेख किया है कि आतंकवादी संगठन ने कथित तौर पर आतंकवादियों पर भारतीय पते के साथ फर्जी आईडी कार्ड लगा रखे थे.

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