महाकाल एक्सप्रेस में महादेव को देख ओवैसी की सुलगी, लोगों ने कहा- एकतरफा सेकुलरिज्म नहीं चलेगा


काशी महाकाल एक्सप्रेस के हर कोच में छह-छह सीसीटीवी कैमरों के जरिए सुरक्षा की निगरानी की जाएगी। इसके लिए हर कोच में एक कंट्रोल बनाया गया है। आईआरसीटीसी के पास एक महीने से अधिक समय तक वीडियो फुटेज मौजूद रहेंगे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार (फरवरी 16, 2020) को काशी महाकाल एक्सप्रेस की शुरुआत करके भगवान शिव के भक्तगणों को नायाब तोहफा दिया। इस ट्रेन की शुरुआत के साथ ही भगवान शिव के तीन ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर, महाकालेश्वर और काशी विश्वनाथ एक साथ जुड़ गए। अब भक्तगण इस ट्रेन के जरिए आसानी से तीनों जगह दर्शन करने पहुँच पाएँगे।

जानकारी के अनुसार, इस ट्रेन की शुरुआत 20 फरवरी से होनी है। लेकिन इस ट्रेन की खासियतों के बारे में अभी से पता लगना शुरू हो चुका है। इस ट्रेन की सबसे अहम बात है कि इसमें एक सीट भगवान महाकाल के लिए आरक्षित है, जिस पर शिव मंदिर बनाया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक  एक्सप्रेस ट्रेन के बी5 कोच की सीट नंबर 64 पर इस मंदिर को स्थापित किया गया है।

हालाँकि ये खबर शिवभक्तों के लिए खुशखबरी की तरह है। लेकिन AIMIM के अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर सवाल खड़े किए हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग करते हुए संविधान की प्रस्तावना की फोटो ट्वीट की है। इसके बाद सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रिया आ रही हैं। कोई प्रधानमंत्री को इस कदम के लिए धन्यवाद दे रहा है। कोई ओवैसी की तरह उन पर सवाल उठा रहा है। कुछ यूजर ऐसे भी हैं जो रेलवे स्टेशन पर बने मस्जिदों की तस्वीर अपलोड कर ओवैसी बता रहे रहे हैं कि अब एकतरफा सेकुलरिज्म काम नहीं करेगा।

गौरतलब है कि इस ट्रेन में शिव का मंदिर होने के अलावा और भी कई खूबियाँ हैं जैसे काशी महाकाल एक्सप्रेस देश की पहली ऐसी ट्रेन है जिसका हर कोच सीसीटीवी कैमरे से लैस है। इसके हर केबिन में 6-6 चार्जिंग प्वॉइंट हैं। यात्रियों को 10 लाख रुपए का बीमा दिया जाएगा।

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, आईआरसीटीसी के चीफ रीजनल मैनेजर अश्विनी श्रीवास्तव ने बताया है कि काशी महाकाल एक्सप्रेस के हर कोच में छह-छह सीसीटीवी कैमरों के जरिए सुरक्षा की निगरानी की जाएगी। इसके लिए हर कोच में एक कंट्रोल बनाया गया है। आईआरसीटीसी के पास एक महीने से अधिक समय तक वीडियो फुटेज मौजूद रहेंगे।

इसके अलावा इस ट्रेन में यात्रा करने वाले लोगों को 10 लाख रुपए का बीमा मिलेगा, इसका कोई भी प्रीमियम यात्रियों से नहीं लिया जाएगा। चीफ रीजनल मैनेजर के अनुसार टिकट बुकिंग की सुविधा के लिए स्टॉपेज वाले स्टेशनों पर आरक्षण काउंटर भी खोले जाएँगे, जबकि ट्रेन की साइड लोअर बर्थों के दो हिस्सों को एक साइड सपोर्ट से जोड़ा जाएगा। इससे यात्रियों को सफर के दौरान पीठ दर्द की शिकायत नहीं होगी।

प्राप्त जानकारी के अनुसार यह ट्रेन यात्रियों को उज्जैन, ओंकारेश्वर, महेश्वर, इंदौर व भोपाल तक घूमने का मौका देगी। इसके लिए आईआरसीटीसी ने कई पैकेज भी बनाए हैं। इनमें उज्जैन व इंदौर से आने वालों को वाराणसी, काशी, अयोध्या व प्रयागराज घूमने का मौका मिलेगा। जबकि लखनऊ, प्रयागराज व वाराणसी से उज्जैन जाने वालों के लिए दूसरे पैकेज बनाए गए हैं।

खबर के मुताबिक उज्जैन-ओंकारेश्वर जाने वालों को 2 रात तीन दिन के ₹9420 के पैकेज में महाकालेश्वर ज्योर्तिलिंग मंदिर, कालभैरव मंदिर, राममंदिर घाट, हरसिद्धि मंदिर और ओंकारेश्वर ज्योर्तिलिंग के दर्शन करवाए जाएँगे। वहीं, ₹12,450 के 3 रात व 4 दिनों के पैकेज में उज्जैन-ओंकारेश्वर-महेश्वर-इंदौर का भ्रमण करवाया जाएगा। इसमें इंदौर, महेश्वर में होल्कर किला, नर्मदा घाट व शिव मंदिर को भी जोड़ा जाएगा। इसके अलावा ₹14,950 में भोपाल, सांची, भीमवेट, उज्जैन का भ्रमण करवाया जाएगा। यह पैकेज तीन रातों व चार दिनों का होगा।

उज्जैन या इंदौर से आने वाले यात्रियों को ₹6,010 के 1 रात व 2 दिन के पैकेज में वाराणसी के घाट, काशी विश्वनाथ मंदिर, संकटमोचन मंदिर और दशाश्वमेघ घाट पर गंगा आरती के दर्शन करवाए जाएँगे। मगर, ₹10,050 प्रति यात्री के हिसाब से 2 रात, 3 दिनों के पैकेज में वाराणसी के घाट, काशी विश्वनाथ मंदिर, संकट मोचन मंदिर और दशाश्वमेघ घाट पर गंगा आरती, सारनाथ, प्रयाग में संगम व हनुमान जी के दर्शन करवाए जाएँगे। इनके अलावा उज्जैन व इंदौर से आने वालों को ₹14,770 में 3 रात, 4 दिन के पैकेज में वाराणसी के घाट, काशी विश्वनाथ मंदिर, संकट मोचन मंदिर और दशाश्वमेघ घाट पर गंगा आरती, सारनाथ, अयोध्या में श्रीराम मंदिर, हनुमानगढ़ी, शृंगवेरपुर के साथ ही प्रयाग में संगम व हनुमान जी के दर्शन करवाए जाएँगे।

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