फारूख अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद की छत्रछाया में जम्मू में लैंड जिहाद: 3 से 100 हो गए मस्जिद


फारूख अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद ने हिंदू बहुसंख्यक इलाकों में मुस्लिम आबादी को स्टेट स्पांसर्ड तरीके से लाकर बसाया। दोनों ने भटिंडी के जंगलों की जमीन पर पहले खुद कब्जा किया। वहाँ अपने घर बनाए। बाद में मजहबी लोगों को वहॉं आकर बसने के लिए प्रोत्साहित किया।

जम्मू शहर और उसके कई जिलों में डेमोग्राफिक चेंज हाल फिलहाल में बड़ी चिंता के तौर पर उभरा है। इस संबंध में ‘एकजुट जम्मू’ नामक एक संगठन ने जो खुलासे किए हैं वे बेहद चौंकाने वाले हैं। संगठन के अध्यक्ष वकील अंकुर शर्मा ने बीते दिनों एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन तथ्यों को सामने रखा।

इस संबंध में संगठन ने जो रिपोर्ट तैयार की है उससे पता चलता है कि जम्मू में सुनियोजित तरीके से लैंड जिहाद को अंजाम दिया गया। जम्मू-कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों फारूख अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद की छत्रछाया में इसे अंजाम दिया गया। दोनों नेताओं ने हिंदू बहुसंख्यक इलाकों में मुस्लिम आबादी को स्टेट स्पांसर्ड तरीके से लाकर बसाया। देखते ही देखते अपने ही इलाकों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए। जम्मू कश्मीर की सभी तथाकथित ‘सेकुलर’ मुस्लिम पार्टियों चाहे वह पीडीपी हो या नेशनल कॉन्फ्रेंस उसने लैंड जिहाद को आगे बढ़ाने का काम किया। कॉन्ग्रेस का एक धड़ा भी इसमें शामिल है।

‘एकजुट जम्मू’ की जॉंच टीम ने इस संबंध में पर्याप्त आँकड़े जुटाए हैं। इसके आधार पर संगठन के अध्यक्ष ने बताया कि फारूख अब्दुल्ला और गुलाम नबी आजाद ने भटिंडी के जंगलों की जमीन पर पहले खुद कब्जा किया। वहाँ पर अपने घर बनाए। बाद में मजहबी लोगों को वहॉं आकर बसने के लिए प्रोत्साहित किया। इस दौरान राज्य में इन्हीं नेताओं की पार्टियॉं सत्ता में रही।

रिपोर्ट के अनुसार जम्मू में 1990 के बाद 1,00,000 घरों का निर्माण हुआ। 50 लाख कनाल सरकारी जमीन पर अतिक्रमण हुआ। एक कनाल 505.857 वर्गमीटर के बराबर होता है। 1994 में जम्मू शहर में केवल 3 मस्जिद। लेकिन देखते ही देखते वहाँ 100 से ज्यादा मस्जिद बना दिए गए।

रिपोर्ट के मुताबिक, एक समय तक हिंदू बहुसंख्यक आबादी वाले जम्मू में मुस्लिमों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसमें भटिंडी, नरवाल, सुंजवाम, कालुचक, पीर बाबा मोहल्ला, पूँछी मोहल्ला, छन्नी रामा, छन्नी हिम्मत, रायका, सिधरा, रंगूरा, खानपुर, नगरोटा, गुज्जर मोहल्ला, कासिम नगर शामिल हैं। केवल छन्नी हिम्मत और कासिम नगर में ही हिंदू- मुस्लिमों का अनुपात 50-50 का है। अन्य इलाको में अब 80 प्रतिशत से ज्यादा आबादी मुस्लिम है।

स्थिति इतनी भयावह होती जा रही है कि वक्फ ने हिंदू बहुल जिलों जैसे सांबा, कठुआ और हिंदू बहुल नगर जैसे पूँछ, रंभन में जमीनों पर अपना दावा कर दिया है। संगठन की रिपोर्ट कहती है कि नगरोटा के पास तवी नदी के पास मुस्लिम इलाकों का निर्माण नगरोटा के सैन्य छावनी की घेराबंदी की साजिश का हिस्सा है।

इसके अलावा जम्मू में रेलवे पटरियों के आसपास के क्षेत्र भी जनसांख्यिकीय अतिक्रमण के निशाने पर रहा है। जम्मू-श्रीनगर हाईवे और जम्मू-पूँछ हाईवे पर ढाबा, रेस्तरां, सब्जी की दुकान, हैंडक्राफ्ट शॉप, होटल के व्यवसायों से भी डेमोग्राफिक तौर पर बड़ा बदलाव आया है।

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