महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार (फरवरी 21, 2020) को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के नेता वारिस पठान के विवादित बयान की निंदा की, जिसमें वारिस ने कहा था कि 15 करोड़ मुसलमान देश के 100 करोड़ हिंदुओं पर भारी हैं। फडणवीस ने कहा कि बहुसंख्यक समुदाय की सहिष्णुता को उसकी कमजोरी न समझा जाए।
बता दें कि पिछले दिनों CAA के ख़िलाफ गुलबर्ग में रैली आयोजित करते हुए वारिस पठान के भाषण का एक वीडियो सामना आया था। भाषण में वारिस पठान ने सीएए के ख़िलाफ़ बोलते हुए कहा था, “उनकी (मुसलमानों की) संख्या अभी 15 करोड़ है, लेकिन ये 15 करोड़ 100 करोड़ पर भारी है। अगर ये 15 करोड़ साथ में आ गए, तो सोच लो उन 100 करोड़ हिंदुओं का क्या होगा?”
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए फडणवीस ने कहा, “वारिस पठान ने जिस प्रकार का वक्तव्य दिया है, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं। उन्हें ये ध्यान में रखना चाहिए कि 100 करोड़ से भी ज्यादा हिंदू इस देश में रहते हैं इसलिए देश में अल्पसंख्यंक सुरक्षित और स्वतंत्र हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यक इस तरह की बदज़ुबानी नहीं कर सकते। हिंदू समाज सहिष्णु है, सबको साथ लेकर चलता है लेकिन हिंदू समाज की सहिष्णुता को उसकी कमजोरी न मानें। उन्हें हिंदुओं और पूरे समाज से माफी माँगनी चाहिए।” फडणवीस ने वारिस पठान के बयान की निंदा करते हुए कहा कि अगर वह माफी नहीं माँगते हैं तो राज्य सरकार को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी वारिस पठान के बयान के खिलाफ हल्ला बोला। पात्रा का कहना है कि नागरिकता के विरोध में पूरे देश में ओवैसी की पार्टी नफरत की राजनीति को बढ़ावा दे रही है। संबित पात्रा ने नफरत की राजनीति का आरोप लगाते हुए असदुद्दीन ओवैसी को भी कठघरे में खड़ा किया। पात्रा ने पूछा कि आखिर जब वारिस पठान बोल रहे थे तो ओवैसी मंच पर बैठे थे लेकिन उन्होंने वारिस पठान से माइक क्यों नहीं छीन लिया।
उन्होंने कहा, “ये सारे लोग हमारे मुस्लिम भाइयों को बरगला रहे हैं, भ्रमित कर रहे हैं। इन सभी लोगों के हाथ में संविधान और दिल में वारिस पठान है, ये साबित कर दिया है।”
अगर भाजपा के नेता ने ऐसा कोई बयान दे दिया होता तो आज सारे तथाकथित लिबरल सड़क पर उतर जाते, पूरे देश में कोहराम मचा देते। लेकिन आज एक भी सामने नहीं आ रहा है, एक भी सवाल नहीं पूछ रहा है।”
बता दें कि पिछले दिनों CAA के ख़िलाफ गुलबर्ग में रैली आयोजित करते हुए वारिस पठान के भाषण का एक वीडियो सामना आया था। भाषण में वारिस पठान ने सीएए के ख़िलाफ़ बोलते हुए कहा था, “उनकी (मुसलमानों की) संख्या अभी 15 करोड़ है, लेकिन ये 15 करोड़ 100 करोड़ पर भारी है। अगर ये 15 करोड़ साथ में आ गए, तो सोच लो उन 100 करोड़ हिंदुओं का क्या होगा?”
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए फडणवीस ने कहा, “वारिस पठान ने जिस प्रकार का वक्तव्य दिया है, हम उसकी कड़ी निंदा करते हैं। उन्हें ये ध्यान में रखना चाहिए कि 100 करोड़ से भी ज्यादा हिंदू इस देश में रहते हैं इसलिए देश में अल्पसंख्यंक सुरक्षित और स्वतंत्र हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यक इस तरह की बदज़ुबानी नहीं कर सकते। हिंदू समाज सहिष्णु है, सबको साथ लेकर चलता है लेकिन हिंदू समाज की सहिष्णुता को उसकी कमजोरी न मानें। उन्हें हिंदुओं और पूरे समाज से माफी माँगनी चाहिए।” फडणवीस ने वारिस पठान के बयान की निंदा करते हुए कहा कि अगर वह माफी नहीं माँगते हैं तो राज्य सरकार को उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।
बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने भी वारिस पठान के बयान के खिलाफ हल्ला बोला। पात्रा का कहना है कि नागरिकता के विरोध में पूरे देश में ओवैसी की पार्टी नफरत की राजनीति को बढ़ावा दे रही है। संबित पात्रा ने नफरत की राजनीति का आरोप लगाते हुए असदुद्दीन ओवैसी को भी कठघरे में खड़ा किया। पात्रा ने पूछा कि आखिर जब वारिस पठान बोल रहे थे तो ओवैसी मंच पर बैठे थे लेकिन उन्होंने वारिस पठान से माइक क्यों नहीं छीन लिया।
उन्होंने कहा, “ये सारे लोग हमारे मुस्लिम भाइयों को बरगला रहे हैं, भ्रमित कर रहे हैं। इन सभी लोगों के हाथ में संविधान और दिल में वारिस पठान है, ये साबित कर दिया है।”
अगर भाजपा के नेता ने ऐसा कोई बयान दे दिया होता तो आज सारे तथाकथित लिबरल सड़क पर उतर जाते, पूरे देश में कोहराम मचा देते। लेकिन आज एक भी सामने नहीं आ रहा है, एक भी सवाल नहीं पूछ रहा है।”
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